Mango Benefits in Hindi Aam Ke Fayde
- आम खाने से कैंसर से बचाव होता हैं, कैंसर के रोगियों के लिए आम बहुत लाभदायक हैं
- त्वचा को स्वस्थ बनाये रखता हैं, त्वचा में ताजगी बनाता हैं
- आँखों की रोशनी तेज करता हैं
- डायबिटीज के रोगियों के लिये भी लाभकारी होता है
- सेक्स लाइफ को सफल बनाता हैं
- पाचनशक्ति को मजबूत बनाता हैं, आम खाना हर तरह से बहुत फायदेमंद हैं
चलिए अब आगे पड़ते हैं, आम के बड़े Benefits Or Fayde-Labh के बारे में
ज्यादा पसीना आने पर
आम की गिरी को भूनकर पीसकर शरीर पर मलने के कुछ देर बाद नाहने से अधिक पसीना आने की विकृति दूर होती है।
छाले के दूषित स्राव
आम के फल को वृक्ष की डाली से तोडते समय जो रस चेप निकलता है उसे दांत पर लगाने से छाला बनने से दूषित स्त्राव निकल जाने से बहुत लाभ होता हैं। mango aam k benefits.
गले की आवाज ठीक करे
आम के पत्तों को पानी में उबालकर काढ़ा बनायें, इस काढ़े को छानकर मधु मिलाकर हल्का गर्म-गर्म पीने से स्वर भेद, गला खराब की विकृति नष्ट होती है Eating mango benefits hindi.
आम के पापड़ के फायदे
आम रस को किसी कपडे या चटाई में फैलाकर धूप में सुखाकर आम्रवर्त तथा पापड बनाये जाते है। आम्रवर्त के सेवन से पोष्टबद्धता नष्ट होती है। आम्रवर्त वमन उल्टी को भी रोकता है। तृषा को नष्ट करता हैं और वायु तथा पित की विकृति का निवारण करता है।
दाद और उष्णता
आम के बोर को थोडा सा कुटकर शरीर के विभिन्न भागों में मलने से दाद, उष्णता नष्ट होती है।
Aam Khane Ke Fayde Benefis
पीनस रोग को खत्म करे
आम के बोर का रस निकालर बून्द-बून्द नाक में टपकाने से पिनस रोग से मुक्ति मिलती है।
अर्श रोग
आम के पत्तों का रस और जामुन के पत्तों का रस 5-5 ग्राम मात्रा में लेकर उसमें दूध और शकर मिलाकर पीने से अर्ष रोग में बहुत लाभ होता है।
गर्भावस्था में उलटी होना
Top health benefits of aam mango – आम का रस गुलाब का अर्क, चुने का निखारा हुआ जल और ग्लुकोज सभी चीजें 50-50 ग्राम मिलाकर थोडा-थोडा पीने से गर्भावस्था में वमन की विकृति नष्ट होती हैं ।
गर्भधारण करने के लिये
रविवार के दिन आम के वृक्ष की जड को लकडी चंदन की तरह घीसकर थोडी सी मिश्री मिलाकर ऋतु स्त्राव के दिनों में दो सप्ताह तक सेवन करने से स्त्रीयों गर्भधारण करती है।
अनिद्रा की शिकायत (गहरी नींद के लिये)
पके हुए मीठे आम चुसकर खाने के बाद भैंस का दूध पीने से अनिद्रा की विकृति नष्ट होती है। खुब गहरी नींद आती है।
पाचन शक्ति बढ़ाने के लिये
आम चुसकर खाने या आम को काटकर थोडा सेंधा नमक मिलाकर खाने से पाचन शक्ति जल्दी बढती है। आम और जामून के पत्तों को कषाय मिलाकर उसमें मधु मिलाकर सेवन करने से वमन और तृष्णा की विकृति नष्ट होती है।
बच्चों के अतिसार दस्त
आम की गिरी पानी में पीसकर नाभी के आसपास लेप करने से बच्चों के अतिसार दस्त में बहुत लाभ होता है।
कान दर्द का इलाज
आम, जामुन, महुआ और बढ के कोमल पत्तों को थोडा सा कुटकर दस ग्राम मिश्रण को 40 ग्राम तिल के तेल में देर तक पकायें जब मिश्रण जल जाये तो तेल को छांनकर शीशी में भरकर रखें, इस तेल को हल्का गरम कर बून्द-बून्द कान में डालने से कान का दर्द और कान से खून बहन बंद हो जाता है |
दस्त के साथ खून आने पर
- आम के पत्तों को कुटकर रस निकालकर, आम के पत्तों के 20 ग्राम रस में मधु 10 ग्राम और घी 5 ग्राम दूध में मिलाकर खाने से अतिसार दस्तों में खून निकलने की विकृति नष्ट होती है। घी और मधू कभी समान मात्रा में नहीं लेना चाहिए।
- आम की गिरी को कुट पीसकर चूर्ण बनाकर 7-8 ग्राम मात्रा तक मठे के साथ सेवन करने से रक्त तिसार खुनी दस्तों में बहुत लाभ होता है। गिरी के इस चूर्ण को चावलों के दोहन के साथ खाने से भी लाभ होता है। gun se bharpur aam ke sevan se hone wale labh or fayde ki list.
मरोड़ देकर दस्त आने पर
आम की गुठली के भीतर की गिरी को पीसकर 10 ग्राम मात्रा में दही के साथ खाने से आव मरोड के दस्त में लाभ होता है।
तिल्ली के बढ़ने की समस्या
आम के रस में मधु मिलाकर खाने से प्लीहा व्रद्धि, तिल्ली के बढनें की विकृती नष्ट हो जाती है।
प्रदर रोग में रक्तस्राव होने पर
आम की गुठली के भीतर की गिरी का चूर्ण बनाकर मधु मिलाकर कुछ दिनों तक खाने से अर्श व स्त्रीयों के प्रदर रोग में रक्त स्त्राव की विकृती नष्ट हो जाती है।
सिरदर्द को ख़त्म करने का उपाय
आम की गिरी और छोटी हरड को बराबर मात्रा में लेकर दूध में पीसकर मस्तक पर लेप करने से सिरदर्द नष्ट होता है।
बिच्छु के काटने पर
आम के बोर, फुलों को हाथों से मसलकर वृश्चिक बिच्छू के डंक मारने की जगह पर लगाने से विष का प्रभाव कम होता है। इससे तेज दर्द भी शांत होता है।
काली खांसी को ख़त्म करने के लिए
आम की गुठलीयों को जल से साफ करके सुखाकर रखें, फिर इन गुठलीयों को आग में जलाकर भस्म बना लें, भस्म बनाने के लिए मिटटी के पात्र का इस्तेमाल करना चाहिए। भस्म को पीसकर एक ग्राम मात्रा में लेकर इसमें लहसून के रस की 2-3 बूंदे और मधु मिलाकर चटाकर खिलाने से काली खांसी का प्रकोप नष्ट होता है।
हैजे को शुरुआत में ख़त्म करने के लिए
कच्चे आम के छिलकों को पीसकर दहीं में मिलाकर खाने से हेजे के प्रारंभ होने पर बहुत लाभ होता है। आम के कोमल पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से हेजे में बहुत लाभ होता है। आम चुसकर खाने से रक्त पित्त की विकृति भी नष्ट होती है।
जीर्ण, अतिसार और संग्रहणी रोग
आम के 60 ग्राम रस में 200 ग्राम दही और 5 ग्राम अदरक का रस मिलाकर दिन में दो-तीन बार खाने से जीर्ण अतिसार और संग्रहणी रोग में बहुत लाभ होता है।
रक्त तिसार के रोग को नष्ट करे
आम जामुन और अर्जून की छाल बराबर मात्रा में लेकर कुटपीसकर बराबर मात्रा में रखें, दस से पंद्रह ग्राम मात्रा में चूर्ण को रात को पानी में डालकर रखें सुबह काल मधु मिलाकर इस शीतकषाय को छांनकर पीने से रक्त तिसार की वृति नष्ट होती है।
खांसी रोग
आम की गुठली की गिरी को कुट पीसकर मधू के साथ चाटकर खाने से श्वांस और खांसी रोग में बहुत फायदे होते है।
हिचकी रोग के लिये
- आम के पत्तों को कुटकर चीलम में रखकर उसका धूंआ पीने से हिचकी रोग ख़त्म हो जाती है।
- आम के व्रक्ष की गांठ को गोमुत्र में पीसकर अंड व्रति पर लेप करने से बहुत लाभ होता है।
कान का दर्द ख़त्म करे
आम की बोर को अंरडी के तेल में पकायें, जब बोर जल जाये तो उस तेल को छांनकर रखें। इस तेल को बून्द-बून्द कान में डालने से कान का दर्द ख़त्म होता हैं ।
जले हुए अंग में आराम पहुंचाने के लिये
आम के पत्तों को सुखने पर उन्हें मिटटी के पात्र में रखकर आग पर तेज गर्म करके भस्म बना लें उस भस्म को पीसकर जले हुए अंग पर रखकर भुरखने से बहुत लाभ होता है।
आम की गुठली की गिरी को जल के साथ पीसकर आग से जले भाग पर लेप करने से जलन व पीढा नष्ट होती है।
सफ़ेद बालों को काला करे
आम की गुठली की गिरी का तेल निकालकर सिर में लगाने से बालों के सफेद होने की विकृति नष्ट होती है। बाल तेजी से काले होने लगते हैं।
Aam Khane Ke Nuksan
- अधिक मात्रा में आम खाने से अतिसार हो सकता है।
- आम खाने के बाद दहीं की लस्सी या घीं या तेल से बने व्यंजनों का सेवन करने से हानि पहूंचने की संभावना रहती है।
- खट्टे आम खाकर दूध पीने से हानि होती है।
- उष्ण प्रकृति वाले स्त्री-पुरूषों को आम खाने से हानि होती है। ऐसी स्त्री-पुरूषों को आम खाने से अर्ष व प्रवाहिका पेचीष हो सकती है।
- ज्यादा आम खा लेने पर मंदागनी विषम ज्वर आदि विकार होने पर दूध पी लेने से लाभ होता है।
- कल्मी आम भारी होने के कारण कुछ व्यक्तियों को आध्यमान, अफारा की उत्पत्ति कर देता है।
- कच्चे आम का अधिक मात्रा में सेवन करने से रक्त विकार, नेत्र रोग, मंदागनी और स्वप्न दोष की विकृति होती है। am ke nuksan