User Review
( votes)Short Story on Imagination
अगर सपने देखने वाले न होते तो, मानव सभ्यता का जो रूप हमें आज दिखाई देता है उसका अस्तित्व ही खत्म हो जाता है यदि स्वप्न द्रष्टा न होते तो क्या आज भी हम बैल गाडी में ही लुढ़कते हुए दिखाई नहीं देते।
क्या आज भी लकड़ी के बैंड समुद्री तूफानों से झूझते दिखाई न देते क्या आज भी हमारे पात्र खच्चारो पर लादकर एक स्थान से दुसरे स्थान पर न ले जाये जाते कलपना शून्य व्यक्ति अक्सर कहता है नहीं यह नहीं हो सकता यह संभव नहीं है ।
जब की सपने देखने वाला व्यक्ति कहता हैं यह हो सकता है। यह होकर रहेगा George Stephenson गरीब खानदान से थे, और मजदूरी करते थे ।
जिन्होंने भाप से चलने वाले इंजन का सपना देखा था, और यात्रा पद्धिति में क्रांति ला दी लोग उसे पागल और सनकी कहते थे, लेकिन Stephenson विरोधो का सामना करते हुए अपने सपनो को सत्य सिद्ध करने में जुट गयें और 15 साल तक लगातार परिश्रम करके आखिर में सफल हुए ।
Short Story About The Power of imagination in Hindi
4 अगस्त सन 1806 को दोपहर के समय हड़सं नामक नदी के तट पर बड़ी भारी भीड़ लगी थी लोग एक सिरफिरे व्यक्ति की सफलता का मजाक उड़ाने के लिए जुटे थे । यह सिरफिरा ‘क्लेनमार्क’ नामक जलयान का प्रदर्शन करने में लगें थे ।
जब वह हडसन नदी की लहरों को चीरता हुए आगे की ओर चल पड़े, Stephenson को मानव जाती का बड़ा उपकारक स्वीकार किया गया । आप भी स्वप्न देखिए, कल्पना की उड़ाने भरिए, दूरद्रष्टा बनिए । अपने सपनो पर विश्वास कीजिए ओर उन्हें यथार्थ सिध्द करने के लिए कठिन से कठिन परिश्रम कीजिए । और अपने सपने को साकार कीजिए ।
Also Read Other Stories