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( vote)Secret Way’s To Success in Life
सफलता और असफलता में सिर्फ इस बात का फर्क हैं की असफलता से होने वाली निराशा से भरी स्थितियां और हतोत्साहित करने वाली बातों के प्रति हमारा रवैया क्या होता हैं। यानि हम असफलता के साथ कैसा behave करते हैं ।
Life Ko Successful Kaise Banaye – Safal Kaise Ho
असफलता को सफलता में बदलने वाले इन पांच सिद्धांत पर ध्यान दें
असफलता का अध्यन करें, ताकि आप सफलता की राह में आगे बढ़ सके। जब हम असफल हो जाएं, तो हमें उस असफलता से सबक सीखना चाहिए और फिर अगली बार जीतने की तैयारी करनी चाहिए।
लोगों की जीवनियां पढ़ें और आप पाएंगे की जो लोग बहुत सफल हुए हैं, उन्हें कई बार असफलता झेलनी पड़ी है। सफल लोगों के इस अभिजात्य समूह ने विरोध सहन किया, लोगों के ताने सहे, राह में बधाए और तकलीफें झेली, असफलताओ का दौर झेला व्यक्तिगत दुर्भाग्य सहा ।
और आप यहाँ भी पाएंगे की ये सभी लोग किसी न किसी मोड़ पर अपनी असफलताओ के सामने घुटने टेक सकते थे ।
अपने खुद का रचनात्मक आलोचक बनने का साहस रखें। अपनी गलतियां और कमजोरिया खोंजे और फिर उन्हें सुधारें। इससे आप प्रोफेशनल बन जायेंगे ।
खुद को बताए, ‘कोई तरीका है ।’ विचारो में चुंबकीय शक्ति होती है। जैसे ही आप खुद को बताते हैं, ‘मैं हार गया हूँ। में इस समस्या से नहीं जीत सकता, ‘आप नकारात्मक विचारों को आकर्षित करते हैं, और इनमें से प्रत्येक विचार आपको यह विश्वास दिलाता है की आप सही हैं, की आप वास्तव में हार चुके हैं ।
इसके बजाय यह विश्वास करें, ‘इस समस्या को सुलझाने का कोई तो रास्ता होगा।’ और तत्काल आपके सकारात्मक विचार आने लगेंगे, जिससे आपको समस्या सुलझाने में मदद मिलेगी । ‘कोई न कोई तरीका तो हैं” यह सोचना, यह विश्वास करना सचमुच महत्वपूर्ण है ।
किस्मत को दोष देना बंद कर दें । इसके बजाये आपको हर असफलता का विश्लेषण करना चाहिए । यह पता लगाए की गलती कहाँ हुई थी । याद रखें, तक़दीर को दोष देने से कोई व्यक्ति वहां नहीं पहुंचा, जहाँ वह पहुंचना चाहता था ।
हमें अपनी गलतिया सिर्फ इसलिए नहीं ढूंढनी है, ताकि हम खुद के सामने यह बहाना बना सकें, “यह एक और कारन है जिससे में असफल होता हूँ । ” इसके बदले हमें अपनी गलतियों को इस तरह से देखना चाहिए, “यह एक और तरीका है जिससे में जीत सकता हूँ ।” अधिकतर हम अपनी असफलता के लिए किस्मत को दोष देते है ।
हम कहते हैं, “अरे, गेंद तो इसी तरह से टप्पे खाती है, ” और फिर हाथ पर हाथ रख कर बैठ जाते है । लेकिन जरा रुकें और सोचे । गेंद की उछाल की भी कोई न कोई वजह होती है । गेंद बिना कारण के यूँ ही किसी दिशा में नहीं उछलती ।
गेंद का उछाल तीन कारणों से निर्धारित होता है । एक तो गेंद, फिर जिस तरीके से इसे फेंका जाता है, और तीसरे जिस सतह से यह टकराती है । निश्चित भौतिक नियम गेंद की उछाल का कारण तय करती है, इसका किस्मत से कोई लेना देना नहीं होता।
लगनशीलता के साथ प्रयोगशीलता का समन्वय कर लें – अपने को बनाए रखें, लेकिन पत्थर की दिवार से अपना सर न टकराते रहे। नई शैलियों का प्रयोग करें । प्रयोगशील बनें । कोई भी समस्या या मुश्किल तभी तक पहाड़ जैसी लगेगी, जब आप इसे पहाड़ जैसा समझेंगे ।
अगर आप मानते हैं की यह नहीं सुलझ सकती, तो यह सचमुच नहीं सुलझेगी । यह विश्वास रखें की यह सुलझ सकती है और इसके बाद आपके मन में इसके समाधान अपने आप आने लगेंगे यह असंभव है, ऐसा कभी न तो सोचे, न ही कहें ।
बड़ी परिस्थितियों में भी अच्छे पहलू को देखना लाभदायक होता है ।
एक युवक था, जब उसकी नौकरी छूटी तो उसने अच्छे पहलू को देखने पर ध्यान केंद्रित किया। उसने कहा ,” में एक बड़ी क्रेडिट रिपोर्टिंग कंपनी के लिए काम करता था । एक दिन मुझे नौकरी से हटाए जाने का नोटिस थमा दिया गया। मंदी का दौर चल रहा था और कंपनी उन कर्मचारियों को हटा रही थी, जो उसके लिए ‘कम महत्वपूर्ण थे।
नौकरी में मुझे तनख्वाह तो बहुत ज्यादा नहीं मिलती थी, परन्तु फिर भी मेरे हिसाब से यह अच्छी थी। मुझे कई घंटे तक तो बहुत बुरा लगता रहा, लेकिन फिर मेने यह फैसला किया की में इस बारे में सकारात्मक तरीके से सोचूंगा । दरअसल मुझे यह नौकरी खास पसंद नहीं थी ।
और अगर में यही बना रहता, तो में ज्यादा तरक्की नहीं कर सकता था। अब में कोई ऐसी नौकरी ढूंढ सकता था, जो मुझे पसंद हो। जल्दी ही मुझे मेरी मनचाही नौकरी मिल गई, और अच्छी बात तो यह थी की यहाँ मेरी तनख्वाह भी ज्यादा थी। क्रेडिट कंपनी से निकाला जाना मेरे लिए बहुत अछा साबित हुआ ।”
हमें यह बात याद रखनी चाहिए, की हम किसी भी परिस्थिति में वही देखते हैं, जो हम देखना चाहते हैं । अच्छे पहलू को देखें और हार को जीत में बदल लें । अगर आप स्पष्ट दृष्टि विकसित कर लेते हैं, तो सारी चींजे आपके लिए अच्छा काम करने लगेंगी ।
परिस्थितियों के आदर्श होने का इंतजार न करें। वे कभी आदर्श नहीं होंगी। भविष्य की बाधाओं और कठिनाइयों की उम्मीद करे और जब वे आए, तब आप आप उन्हें सुलझाने का तरीका खोंजे। याद रखें केवल विचारों से सफलता नहीं मिलती। विचारों का मूल्य तभी है जब आप उन पर अमल करें ।
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Bhut bdhiya jankari di he ap ne