Kali Mirch Black Pepper Benefits Fayde in Hindi
वर्ष भर बुखार से बचें
- हर साल अप्रैल के दूसरे सप्ताह की शुरुआत में नीम के कोमल 7 ताजा पत्ते, 7 कालिमिर्ची और चुटकी भर सेंधा नमक पानी डालकर पीसकर 5 चम्मच पानी में घोलकर सुबह भूखे पेट एक बार एक दिन में पियें । इसके बाद 2 घंटो तक कुछ न खाएं । यह एक व्यक्ति की खुराक हैं ऐसे लेने से साल भर बुखार नहीं आएगा । हर साल इसी तरह लेते रहे और बुखार से बचें रहे । kali mirch labh
जानिये रसोई की कालीमिर्च के फायदे गुण व लाभ के बारे में
मलेरिया से कैसे बचें
- कालिमिर्ची में मौजूद पाईपरिन नामक तत्व कीटाणुनाशक होता हैं । यह मलेरिया और वायरस जैसे ज्वरो के विषाणुओं को नष्ट कर देता हैं । 60 ग्राम पीसी हुई कालिमिर्ची 2 ग्लास पानी में इतना उबालें की आधा ग्लास पानी रह जाये फिर इसे छानकर हर 4 घंटे से उसके 3 भाग करके पियें । इससे मलेरिआ बुखार ठीक हो जाता हैं ।
बाल गिरना (बालों का झड़ना)
- Black Pepper सिर में दाध खुजली के वजह से बाल गिरते हो तो कालिमिर्ची, प्याज, नमक सबको पीसकर बालों की जड़ों में लगाएं ।
बाल काले करना
- अगर बाल जुकाम से सफ़ेद हो गए हो तो 10 कालिमिर्ची रोजाना सुबह भूखे पेट और शामको चबाकर निगल जाएं । यह प्रयोग कम से कम एक साल से ज्यादा करें । यह आजमाया हुआ प्रयोग हैं । कालिमिर्ची मीठे तेल, (तिल का तेल) मिलाकर लगाएं तो और अधिक लाभ होगा ।(kali mirch benefits)
मस्से को मिटाना
- कालिमिर्ची और फिटकरी समान मात्रा में बारीक पीसकर मिला लें । थोड़ा सा पाउडर लेकर पानी डालकर पेस्ट बनाकर तिनके की रुई लगाकर फुरेरी से मस्सों पर रोजाना दिन में 3 बार लगाएं ।
चर्म रोग को ठीक करे
- फोड़ा, फुंसी, दाध, खुजली आदि पर पीसी कालिमिर्ची और घी मिलाकर लगाए लाभ होता हैं ।
हिचकी दूर करें
- हरे पुदीना के 30 पत्ती 2-2 चम्मच सौंफ और मिश्री, 5 कालिमिर्ची सब में पानी डालकर पीसकर एक कप गर्म पानी में घोलकर छानकर पिने से हिचकी बंद हो जाएगी । (gharelu nuskhe remedies)
- 5 कालिमिर्ची जलाकर पीसकर बार बार सूंघने से हिचकी बंद हो जाती हैं ।
बवासीर बंद करे
- नीम की निम्बोली के अंदर की सुखी गिरी और कालिमिर्ची को बराबर मात्रा में लेकर दोनों को कूटपीसकर आधा चम्मच रोजाना सुबह भूखे पेट पानी से फांकी 2 सप्ताह तक लें । इससे आशातीत लाभ होंगे, चाहे केसा भी बवासीर हो ठीक हो जाती हैं ।
अग्निमांध (खाना हजम करना)
- यह पाचनशक्ति बढ़ाती हैं । एक कालिमिर्ची, जीरा, सेंधा नमक, सोडा, पीपल सब समान भाग में लेकर पिसलें खाना खाने के बाद आधा चम्मच पानी से 2 बार लें । खाना अच्छी तरह से पचेगा हजम होगा ।
- अगर खाना ठीक से नहीं पचता हो और शौच ढीली और आंवयुक्त होती हो तो कालिमिर्ची सेंधा नमक अजवाइन सुखा पोदीना बड़ी इलायची समान भाग में पीसकर एक-एक चम्मच 2 बार खाने के बाद फांक लें ।
दाध खुजली को मिटाना
- 5 ग्राम कालिमिर्ची पीसकर आधा चम्मच गाय के घी के साथ लेने से सब तरह की खुजली और विष का प्रभाव दूर हो जाता हैं । फुंसी उठते ही उसपर कालिमिर्ची पानी में पीसकर लगाने से फुंसी बैठ जाती हैं । गुहेरी, बाल तोड़ फोड़े भी ठीक हो जाते हैं ।
कुत्ते के काटने से बचाव
- कुत्ते के काटने पर प्राथमिक उपचार के तोर पर कालिमिर्ची पीसकर घाव पर भुरक दें और फिर डॉकटर को भी दिखा दें । ऐसा करने से जहर का प्रभाव कम हो जायेगा ।
स्फूर्ति बढ़ाने का तरीका
- चाय में कालिमिर्ची, लौंग, दाल चीनी, सोडा, छोटी इलायची अपने टेस्ट के हिसाब से डालकर पिने से स्फूर्ति आती हैं । आलसी और उदासीनता दूर हो जाती हैं । थकान होने पर, मानसिक संताप, दुःख होने पर यह चाय जरूर पियें ।
छाले ठीक करने का तरीका
- 5 कालिमिर्ची और 10 किशमिश मिलाकर चबाने से मुंह के छाले ठीक हो जाते हैं ।
गैस की समस्या
- कालिमिर्ची स्वाद तन्तु को उत्तेजित कर पाचनशक्ति बढाती हैं । आंतो में बनने वाली गैस को बनने से भी रोकती हैं ।
- गुड कालिमिर्ची पीसकर मिलाकर थोड़ा-थोड़ा रोजाना दिन में 3 बार खाएं और गर्म पानी पिएं ।
पित्त, दौर्बल्य, नैत्रज्योतिवर्धक
- चौथाई चम्मच पीसी कालिमिर्ची आधा चम्मच घी या मक्खन में मिलाकर चाटें जो इसके कड़वेपन के कारण नहीं खा सके वह इसमें मिश्री मिलाकर खा सकते हैं । kalimirch khane k khas labh janiye
- फुंसी, फोड़े कच्चे बिना पके, खुजली दाध पामा
उपरोक्त नुस्खे के साथ कालिमिर्ची पानी डालकर चटनी की तरह पीसकर लगाएं ।
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आधे सिर का दर्द
- आधे सिर का वह दर्द जो की सूर्य उदय के साथ होता हो, इसमें कालिमिर्ची के 10 दाने और 2 चम्मच मिश्री को कुटपिसकर सुबह सूर्यौदय से पहले फांक लेने से लाभ होता हैं ।
कटना
- छुरी, चाक़ू से कटने पर घांव पर पानी डालकर साफ़ कर उस पर कालिमिर्ची का पाउडर छिड़कर दबा दें । खून बहना तत्काल रुक जायेगा । दर्द और इन्फेक्शन भी नहीं होंगे । क्योंकि कालिमिर्ची दर्द निवारक, एंटी बैक्टीरियल और एंटीसॉफ्टिक होती हैं । घाव पर कालिमिर्ची पाउडर से जलन भी नहीं होंगी ।
पाईपरिन
- अनुसंधानों के हिसाब से कालिमिर्ची में मिलने वाला पाईपरिन नामक रसायन बायो अन्हांसर की महत्व्पूर्ण भूमिका निभाता हैं । बायो अन्हांसर ऐसे रसायन हैं जिनकी मौजूदगी से किसी भी दवा का प्रभाव बढ़ जाता हैं और परिणाम यह होता हैं की दवाओं को कम मात्रा में लेने पर भी वह जल्दी और तेज प्रभाव करती हैं । most useful health benefits of black pepper corn in hindi language list of all remedies.
Kaali Mirch Ke Zabardast Fayde
वर्षा ऋतू के दुषप्रभाव से बचाव
- एक परिवार में 5 व्यक्तियों के लिए चटनी का अनुपात मुनक्का 10, अदरक 10 ग्राम, लॉन्ग 5, तुलसी के पत्ते 20 और अपने टेस्ट के हिसाब से नमक, जीरा, कालिमिर्ची मिलाकर चटनी बनाकर हर तीसरे दिन खाते रहने से वर्षा ऋतू के दुष्प्रभाव से बचाव होता हैं ।
स्मृति लोप
- चुटकीभर पीसी कालिमिर्ची एक चम्मच शहद में मिलाकर रोजाना 2 बार चाटें । इससे बुद्धि का विकास भी होगा ।
स्मरण शक्तिवर्धक (याददाशत बढ़ाना)
- 30 ग्राम मक्खन या एक चम्मच घी में आटा, कालिमिर्ची और शक्कर मिलाकर रोजाना चाटने से स्मरण शक्ति बढ़ती हैं । मस्तिष्क में तरावट आती हैं । कमजोरी दूर होती हैं ।
- 15 कालिमिर्ची, 2 बादाम, गिरी 5, मुनक्का 2 छोटी इलायची एक गुलाब का फूल आधा चम्मच पोस्ता के दाने सबको रात को एक कुल्ल्हड़ पानी से भरकर भिगो दें । सुबह सब को 250 ग्राम गर्म दूध में मिलाकर रोजाना कुछ महीनो तक पियें । इससे मस्तिष्क को तरावट मिलेगी थकान दूर होगी शक्ति बढ़ेगी ।
सिर चकराना
- 12 कालिमिर्ची कूटकर घी में तलें । घी नितारकर इसमें गेहूं का आटा सेंक कर गुड या शकर डालकर हलुआ बनाकर उसमें तली हुई कालिमिर्ची डालकर सुबह शाम भोजन से पहले खाएं । चक्कर आना बंद हो जायेगा ।
मुंहासे को ख़त्म करे
- Black pepper corn – 20 कालिमिर्ची गुलाबजल में पीसकर रात को चेहरे पर लगाएं और सुबह गर्म पानी से धोयें । इससे कील मुंहासे झूरिया साफ़ होकर चेहरा साफ़ होने लगता हैं ।
कफ बलगम
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5 कालिमिर्ची 10 तुलसी के पत्ते पीसकर शहद में मिलाकर 3 बार रोजाना चाटें ।
पेचिश को ख़त्म करे
- इसमें 10 कालिमिर्ची पीसकर पानी से फांक लेने या खाने से लाभ होता हैं ।
अम्लपित्त Acidity दूर करें
- कालीमिर्च अलम्पित्त को ख़त्म करती हैं । 5 कालिमिर्ची का पाउडर प्याज और निम्बू का रस एक-एक चम्मच तीनो । तिन चम्मच पानी में मिलाकर एक बार रोजाना सुबह पियें । अलम्पित्त में फायदे होंगे ।
शक्तिवर्धक
- कालिमिर्ची का पाउडर घी शकर मिलाकर चौथाई चम्मच सुबह शाम लेने से शरीर बलवान रहता हैं ।
पेटदर्द ठीक करे
- 10 कालिमिर्ची पीसकर एक ग्लास दूध में उबालकर मीठा डालकर पिने से पेट दर्द में लाभ होता हैं । कालिमिर्ची, हींग, सोडा समान मात्रा में पिसलें । आधा-आधा चम्मच सुबह शाम गर्म पानी से फांक लें ।
नकसीर बंद करे
- 10 पीसी कालिमिर्ची, एक कप दही, जरा सा गुड मिलाकर रोजाना 2 बार खाने से नकसीर में लाभ होता हैं ।
गले में सूजन दर्द
- एक ग्लास दूध में चुटकी भर कालिमिर्ची और हल्दी डालकर उबालकर सोते समय गर्म-गर्म रोजाना पिएं ।
गला बैठने पर
- 10 कालिमिर्ची कूटकर एक ग्लास पानी में उबालकर गरारे करने से गला साफ़ हो जाता हैं, गले का दर्द, दांत दर्द, संक्रमण दूर हो जाता हैं ।
जुकाम ठीक करना
- जुकाम खांसी नाक बंद और एलर्जी हो तो सुबह शाम 5 साबुत कालिमिर्ची दांतों से अच्छी तरह चबाएं और एक ग्लास गुन-गुना दूध पियें । दूध में अदरक और तुलसी के पत्तो का रस मिला लें और पियें । ऐसा 5 दिन तक लगातार करें । इससे जुकाम और एलर्जी में जल्द ही आराम मिलता हैं । kalimirch se hone wale labh or fayde jaaniye.
पागलपन दूर करें
- 12 कालिमिर्ची 3 ग्राम ब्राह्मी की पत्तियां पीसकर आधा ग्लास पानी में छानकर रोजाना 2 बार पिएं ।
नैत्रज्योतिवर्धक (आंखों की रोशनी बढ़ाना)
- कालिमिर्ची नैत्रज्योति बढ़ाती हैं । घी काली मिर्ची, मिश्री मिलाकर चाटें । पीसी हुई काली मिर्ची रात में खुले स्थान में रखें । सुबह होने से पहले खुले स्थान में से हटाले यह आधा चम्मच रोजाना खाएं ।
अनियमित मासिक धर्म
- एक चम्मच शहद में पीसी हुई 5 कालिमिर्ची मिलाकर लगातार २ महीने तक चाटने से मासिकधर्म नियमित हो जाता हैं । अन्य दोष भी दूर हो जाते हैं । उम्मीद करते हैं आपको यह सभी कालीमिर्च के फायदे पढ़कर अच्छ लगा हो.
लकवा हो जाना
- बहुत बारीक पीसी हुई कालीमिर्ची 2 चम्मच, 3 चम्मच देसी घी में मिलाकर लकवा ग्रस्त अंगो पर लैप और मालिश 10 दिन तक करें ।
जी मिचलाना
- कालिमिर्ची चबाने से मुंह का स्वाद ठीक हो जाता हैं, जी नहीं मिचलाता हैं ।
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