बुखार की 8 Medicine Tablets – बुखार के लिए दवा

Bukhar Ke Liye Medicine Dawa in Hindi

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Effective Medicines

हमारे शरीर में तापमान का बदलाव होने पर या यूं कहें की जब हमारे शरीर के Temperature को control करने वाली प्रणाली out of control हो जाती हैं तो हमें बुखार (fever) हो जाता हैं। और यह out of control तब होती है जब मौसम में परिवर्तन होता हैं। (जब हम तेज धुप में से एक दम ठंडी जगह पर जाते हैं तब भी बुखार आने की सम्भावना होती है, यह आपकी शारीरिक क्षमता पर भी निर्भर करता हैं)

बहुत से लोगो को चाहे कैसा भी मौसम हो आसानी से बुखार नहीं आता हैं, वही कुछ लोग ऐसे भी होते है जिनको जरा से मौसम में बदलाव आने पर बुखार और जुकाम हो जाता हैं।

मौसम के बदलने के वजह से आने वाला बुखार शरीर को बहुत कमजोर कर जाता हैं। यह आपकी सारी शारीरिक क्षमता को खत्म कर देता हैं। बुखार की दावा या मेडिसिन टेबलेट भी इस शारीरिक क्षमता को वापस नहीं ला पाती । इसलिए बेहतर यही होगा की आप अपनी सेहत का भरपूर ध्यान रखें ताकि बुखार, सर्दी, जुकाम जैसी बीमारियां न हो।

क्यों न बुखार के लिए medicine और tablets के बारे में जानने से पहले बुखार के कारण और लक्षण के बारे में जान लिया जाए। ताकि आपको बुखार के बारे में अच्छे से समझ आ जाये।

Fever Bukhar Ki Dawa & Ayurvedic Medicine Hindi

बहुत बार तो बुखार सर्दी जुकाम को अनदेखा करने से भी आ जाता हैं। हम जुकाम दूर नहीं करते और फिर यह धीरे-धीरे बढ़ता जाता हैं जिससे खांसी और बुखार आने लगती हैं।

बुखार भी छुआछूत का रोग माना जाता हैं। जैसे किसी व्यक्ति को सर्दी या बुखार आ रहा हो और अगर ऐसे में वह छींकता हैं तो इस छींक के जरिये बुखार के बहुत से बैक्टीरिया शरीर से बाहर निकलते हैं और हवा में मिल जाते हैं फिर जो भी इनके कांटेक्ट में आता हैं उस पर यह अपना असर दिखाने लगते हैं। यह बैक्टीरिया हमारे मुंह और नाक से स्वांस लेते वक्त हवा के साथ मिलकर हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं।

इसलिए भविष्य में आपको इस बात का बहुत ध्यान रखना चाहिए की जिस किसी भी व्यक्ति को बुखार या सर्दी जुकाम हो रहा हो तो उसे एक रुमाल दे कर रखे ताकि उसे जब भी छींक आये तो वह उस रुमाल का उपयोग कर सके। ऐसा करने से वह बैक्टीरिया रुमाल में ही रह जायेंगे और हवा में नहीं मिलेंगे।

थकान के कारण भी बुखार आ जाता है। जब आप अपनी शारीरिक क्षमता से ज्यादा शारीरिक काम करते हैं तो ऐसे में थकान की वजह से भी बुखार आ जाता हैं।

बुखार के आम लक्षण यह होते हैं

बुखार आने पर सबसे पहला लक्षण होता है थकान महसूस होने का। हमारा पूरा शरीर आलस्य और गहरा थकान से भर जाता हैं। कोई भी काम करने का मन नहीं होता Mood of हो जाता हैं।

  • हल्का सर दर्द होना व हाथ पैर में भी दर्द जैसे महसूस होना।
  • आंखे लाल हो जाना

बुखार आने पर शरीर का तापमान बहुत बढ़ जाता हैं। ज्यादातर सामान्य व्यक्ति बुखार आने का इसी तरीके से पता करते हैं। मरीज का हाथ देख कर वह पता कर लेते हैं की बुखार हैं या नहीं। तो यह बुखार होने के आम सामान्य लक्षण होते हैं, आप भी इनके जरिये बड़ी आसानी से पता कर सकते हैं की बुखार हैं या नहीं।

तो अब हमने बुखार की वजह और बुखार के लक्षण जान लिए। और अब बारी आती हैं बुखार की दवा medicine और tablets की। हम यहां आपको असरकारी medical medicines के बारे में बताएंगे जिनके जरिये आप जल्दी से बुखार से छुटकारा पा सकते हैं। इसके बाद हम आपको बुखार की आयुर्वेदिक दवा के बारे में भी बताएंगे जो की बुखार के लिए घरेलु इलाज में गिनी जाती हैं।

Fever Treatment Bukhar Ki Dawa

Acetaminophen – यह Medicine और tablet दोनों form में पाई जाती हैं। सर दर्द, बुखार की थकान और बुखार को ख़त्म करने में असरकारी होती हैं।

Aspirin – यह बुखार की प्रभावकारी दवा में से एक मानी जाती हैं। सर दर्द, सर्दी जुकाम, खांसी और बुखार में यह बहुत आराम देती हैं। (यह बुखार के साथ-साथ जुकाम, खांसी, सर दर्द इन सब को खत्म करती हैं)। इसे बुखार दूर करने के लिए रामबाण माना जाता हैं।

Ibuprofen –  बुखार के लिए यह मेडिसिन भी बहुत प्रभावकारी होती हैं। यह शरीर में बुखार बनाने वाले बैक्टीरिया को ख़त्म करता हैं। इंडिया में इसका बहुत इस्तेमाल किया जाता हैं। इसे भी बुखार दूर करने के लिए रामबाण माना जाता हैं।

Ketoprofen – (केटोप्रोफेन) tablet भी आधे सर का दर्द, बुखार और जुकाम के लिए बहुत असरकारी होती हैं।

Paracetamol – यह बुखार की वह मेडिसिन है जिसे इंडिया में ज्यादा से ज्यादा बुखार के लिए इस्तेमाल की जाती हैं। आप इसका भी इस्तेमाल कर सकते हैं।

जब आप medical store पर इन Fever medicine को खरीदने जाए तो उनसे यह भी जान लें की इस Medicine को कब और कैसे लेना हैं। इससे आपको बहुत मदद मिलेगी।

यह सभी बुखार की tablets बुखार दूर करने में बहुत मदद करेंगी। और अगर आप बुखार दूर करने के लिए बुखार की आयुर्वेदिक दवा से घरेलु इलाज करना चाहते है तो उसके बारे में भी हम निचे बता रहे हैं। इन घरेलु उपचार और नुस्खों  के जरिये भी आप बुखार दूर कर सकते हैं।

धनिया की चाय

Coriander seeds tea – इसकी चाय में vitamins और phytonutrients होते हैं जो की पाचन तंत्र को ठीक करते हैं। इसमे antibiotic गुण भी होते हैं जो की बुखार दूर करने में बहुत मदद करते हैं। धनिया की चाय बनाना भी कोई कठिन काम नहीं होता।

धनिया चाय

थोड़े से धनिया के दाने लें इन्हे एक ग्लास पानी में डाल दे अब इन दोनों को अच्छे से उबाल लें जब यह अच्छे से उबल जाए तो इसमे थोड़ी शकर और दूध डालें। अब इसको पिले (शर्त यही हैं की धनिये के दानो को पानी में अच्छे से उबाले) इसके सेवन से आपको बुखार में बहुत आराम मिलेगा)।

तुलसी का आयुर्वेदिक काढ़ा

तुलसी के पत्तों में anti-bacterial, germicidal, anti-biotic और fungicidal properties होती हैं जो की बुखार दूर करने में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसके साथ ही तुलसी का यह उपाय सर्दी जुकाम, सर दर्द और खांसी से भी छुटकारा दिलाएगा।

आयुर्वेदिक काढ़ा

करीबन 20 तुलसी के पत्ते तोड़ लें, और इन्हे 1 लीटर पानी में अच्छे से उबाल लें। इसमे एक चम्मच लौंग का पाउडर भी मिला दें। इसे तब तक उबाले जब तक यह पानी आधा न रह जाए। (उदाहरण के लिए 1 लीटर पानी हैं तो इसे तब तक उबाले जब तक यह आधा लीटर न हो जाए)। इसे तुलसी का काढ़ा कहते हैं यह बुखार के लिए रामबाण होता हैं। इसको खाने के बाद पानी न पिए। और बेहतर होगा इसे लेने के बाद आप आराम करे।

बुखार के लिए लहसुन की दवा

बुखार उतारने के लिए लहसुन की यह दवा बहुत असरकारी होती हैं – 5 लहसुन की कलिया लें और इन्हे थोड़े से घी में डालकर तले (Fry) करे। अच्छे से तल लेने के बाद इसे बुखार के रोगी को खिला दें। थोड़ी देर में ही इस आयुर्वेदिक उपचार से बुखार उतर जायेगा।

तेज बुखार में पानी की पट्टी रखे

तेज बुखार होने पर शरीर का तामपान बहुत बढ़ जाता हैं ऐसी स्थिति में सर पर पानी की पट्टी रखने से बहुत आराम मिलता हैं। तेज बुखार को दूर करने के लिए इस तरीके का बहुत समय से इस्तेमाल किया जाता आरहा हैं यह आज भी बहुत असरकारी हैं।

पानी की पट्टी

बुखार या कोई सा भी रोग हो जाने पर पानी ज्यादा पीना चाहिए, और जितना हो सके उतना हल्का भोजन भी करना चाहिए। अगर ऐसे समय में आप भर पेट पानी और हल्का भोजन नहीं करेंगे तो आपके शरीर में बहुत कमजोरी आ जायेगी।

(Fever) बुखार में आम चाय की जगह अदरक, तुलसी के पत्तों, लौंग की चाय भी पीना चाहिए।

बुखार में यह ध्यान रखे

इन बुखार के लिए इन आयुर्वेदिक दवाई का इस्तेमाल करने के बारे 1-2 घंटे तक पानी न पिए। और इनको खाने के बाद आराम करे। चादर ओढ़कर सो जाए। (खास यह ध्यान रखे की इनको लेने के बाद भूलकर भी पानी न पिए)।

हमने यहां आपको bukhar ki medicine tablets और असरकारी प्राकृतिक bukhar ki ayurvedic dawa बता दी हैं। अब यह आप पर depend करता हैं की आप बुखार के इलाज के लिए इनमे से कोन सी दवा का उपयोग करते हैं।

20 Comments

  1. Ganesh kakar June 30, 2017
    • Prakash Chaudhary November 16, 2019
  2. Ankit pasi a June 19, 2018
  3. Ankit July 17, 2018
  4. shivam Kumar July 19, 2018
  5. Ramesh kunjam August 30, 2018
  6. Ravi jarwal September 2, 2018
  7. binodraaz September 3, 2018
  8. Chandra Prakash Pandey September 5, 2018
  9. Shersingh September 12, 2018
  10. Nitesh Kumar October 4, 2018
  11. Mehar May 19, 2019
  12. Sanjay solankinil July 10, 2019
  13. BUNTY YADAV August 15, 2019
  14. A. ali September 27, 2019
  15. Noor alam September 28, 2019
  16. Bheem Singh meena September 28, 2019
  17. Janmejay November 13, 2019
  18. Aman Singh March 27, 2020

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