Govt Job vs Business in India

सरकारी नौकरी Vs. व्यवसाय

( Govt Job vs Business in India )

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Government Job vs business in India

हमारे भारत देश में हर साल लाखो लोग सरकारी नौकरी कि तैयारी करते है, परन्तु कुछ ही लोग व्यवसाय करने के बारे में सोच पाते है। आज हम एक सरकारी नौकरी और स्वयं का व्यवसाय करने वालो का तुलनात्मक अध्ययन करते है उसके बाद ही ये निश्चित होगा कि क्या बेहतर है ?

क्रमांक विषय सरकारी नौकरी स्वरोजगार (व्यवसाय) प्रभाव
1 आय निश्चित हर माह कि 1 तारीख को कोई निश्चित आय नहीं, सीजन के अनुसार कम या ज्यादा
2 महंगाई भत्ता हर 6 माह में बढ़ा दिया जाता है नहीं मिलता
3 हाउस रेंट अलाउंस हर माह मिलता है नहीं मिलता
4 यात्रा भत्ता यात्रा भत्ता मिलता है नहीं मिलता
5 प्रोविडेंट फंड रिटायर होने पर मिलता है नहीं मिलता
6 ग्रेच्युटी ग्रेच्युटी मिलती है नहीं मिलता
7 पेंशन 60 वर्ष कि आयु के बाद जिन्दगी भर पेंशन नहीं मिलता
8 काम का समय 6- 8 घंटे 12 – 14 घंटे
9 साप्ताहिक अवकाश रविवार और बहुत सारी जगह शनिवार को भी कोई साप्ताहिक अवकाश नहीं व्यवसाय बंद रखने पर स्वयं का आर्थिक नुकसान
10 त्यौहार में अवकाश हर त्यौहार पर अवकाश किसी भी त्यौहार पर अवकाश नहीं व्यवसाय बंद रखने पर स्वयं का आर्थिक नुकसान
11 मेडिकल अवकाश बीमार होने पर पेड मेडिकल लीव बीमार होने पर व्यवसाय बंद रखना पड़ता है व्यवसाय बंद होने के करण स्वयं का आर्थिक नुकसान
12 आकस्मिक अवकाश हर वर्ष के लिए निश्चित पेड आकस्मिक अवकाश , अवकाश नही लेने पर उसके बदले अलग से भुगतान नहीं मिलता
13 मेडिकल खर्च इलाज का खर्च सरकार देती है खुद के पैसो से इलाज करवाना होता है
14 इनकम टैक्स सैलरी से कट जाता है साल में चार बार एडवांस टैक्स जमा करना होता है उसमे देरी होने पर पेनल्टी और इंटरेस्ट देना
15 जीएसटी (GST) कोई GST नहीं कस्टमर से GST लेना और उसे हर माह कि 20 तारीख तक सरकारी खजाने में जमा करवाना लेना सरकार को है देना उपभोक्ता को है, मगर जिम्मेदारी (बेगारी*) व्यवसायी को करनी पड़ती है और उसमे कोई भूल-चूक, देरी होने पर, पेनाल्टी, ब्याज, और सजा भुगतना
16 टीडीएस (TDS) कोई टीडीएस नहीं बिल भुगतान पर टीडीएस कलेक्ट करना और उसे हर माह कि 7 तारीख को जमा करवाना लेना सरकार को है, मगर जिम्मेदारी (बेगारी*) व्यवसायी को करनी पड़ती है और उसमे कोई भूल-चूक, देरी होने पर, पेनाल्टी, ब्याज, और सजा भुगतना
17 हड़ताल सैलरी मिलेगी चाहे खुद ही हड़ताल करे हड़ताल करो तो खुद का ही आर्थिक नुकसान करवाना
18 बंद बंद हो या न हो सैलरी तो मिलेगी कोई भी संगठन बंद कराये, सहमत हो या नहीं, बंद करना मज़बूरी बंद के करण आर्थिक के नुकसान के अलावा दुकान में तोड़फोड़, आगजनी हो तो खुद ही भुगते
19 चंदा/ दान / किन्नर वसूली सरकारी ऑफिस में नहीं जाते त्यौहार पर आयोजन के खर्च के लिए चंदा, किन्नर वसूली इतियादी देना ही होता है
20 GST रिटर्न नहीं भरना होता मासिक, त्रेमासिक और वार्षिक रिटर्न कोई भूल-चूक, देरी, इतियादी होने पर पेनाल्टी, ब्याज, और सजा भुगतना
21 TDS रिटर्न नहीं भरना होता त्रेमासिक और वार्षिक रिटर्न कोई भूल-चूक, देरी, इतियादी होने पर पेनाल्टी, ब्याज, और सजा भुगतना
22 इनकम टैक्स रिटर्न भरना होता है भरना होता है
23 स्टैण्डर्ड डिडक्शन मिलता है नहीं मिलता
24 दिवाली बोनस मिलता है नहीं मिलता
25 लीव ट्रैवल अलाउंस (LTA) हर दो वर्ष में घुमने फिरने के लिए सरकार पैसा देती है नहीं मिलता
26 दुर्घटना में अपाहिज या मृत्यु होने पर इलाज का खर्च सरकार देती है, मृत्यु होने पर आश्रित को नौकरी/ पेंशन नहीं मिलता

इस प्रकार हमने देखा की हमारे भारत देश में स्व-रोजगार करना एक प्रकार की सजा भुगतने की तरह ही है इसलिए लोग सरकारी नौकरी के पीछे भाग रहे है। इसके लिए व्यवसाय के प्रति सरकार कि गलत नीतिया जिम्मेदार है क्योकि सारी सरकारी नीतिया, सरकारी ऑफिसर बनाते है इसलिए खुद के लिए हर प्रकार कि सुख सुविधा रखी गयी है और व्यवसाय करने वालो को हर स्तर पर दण्डित किया जा रहा है।

सरकारी नौकरी के अप्रत्यक्ष लाभ Vs स्वरोजगार के अप्रत्यक्ष हानि

आइये अब इसका सामजिक प्रभाव भी देख लेते है जो सबके दिल में दबी बात है वो यह है कि सरकारी नौकरी में एक अच्छी, सुन्दर लड़की से विवाह हो जाता है (आजकल सरकारी नौकरी वाली लड़की, किसी सरकारी नौकरी वाले लड़के से ही विवाह करने लगी है ) परन्तु व्यवसायी लडको से आजकल कोई लड़की विवाह नहीं करना चाहती है उसका कारण साफ़-साफ़ दिखाई दे रहा है

क्रमांक विषय सरकारी नौकरी स्वरोजगार प्रभाव
1 विवाह विवाह के लिए सुन्दर और उपयुक्त रिश्ते मिलते है विवाह के लिए उपयुक्त रिश्ते नहीं मिलते
2 सामाजिक प्रतिष्ठा समाज में प्रतिष्ठा मिलती है
3 अकाउंटिंग खर्च नहीं करना होता अकाउंटिंग खर्च वहन करना पड़ता है, GST, इनकम टैक्स, टीडीएस और अन्य प्रकार के करो और नियमो कि अनुपालना में
4 संसाधन कार्य करने के लिए आवश्यक संसाधन और सुविधाए, ऑफिस इतियादी सरकार उपलब्ध करवाती है कार्य करने के लिए आवश्यक संसाधन और सुविधाओ, ऑफिस, दुकान की व्यवस्था खुद के खर्च से करनी होती है

अगर सरकारी नौकरी करने वाली कोई लड़की (महिला) है तो ये अतिरिक्त लाभ भी प्राप्त होते है-

क्रमांक विषय सरकारी नौकरी (महिला) स्वरोजगार (महिला) प्रभाव
1 प्रसूता अवकाश 6 माह का पेड प्रसूता अवकाश कोई अवकाश नहीं
2 चाइल्ड लीव कई राज्यों में 6 माह के अतिरिक्त और 2 वर्ष का पेड अवकाश बच्चो के 18 वर्ष का होने तक मिलता है कोई अवकाश नहीं

यहाँ दर्शाए गए अंतर के अतिरिक्त भी और कई सारे चार्जेज, टैक्स, सिर्फ और सिर्फ स्वरोजगार (व्यवसाय) करने वालो पर लगाये जाते है

नोट:

* बेगारी वो प्रथा है जिसमे किसी कार्य के बदले कोई आर्थिक भुगतान नहीं किया जाता है , मुफ्त में कार्य करवाया जाता है

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