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( votes)Kids Moral Story on Power of Unity
बच्चों की कहानियां
बड़ी-बड़ी इमारतों से शहर पट चूका था। अनेक कस्बों में भी ऊँची इमारतें बनने लगी थीं। मोनू अपने पिताजी के साथ शहर जा रहा था। ऊँची-ऊँची इमारतों को देख कर उसने पिताजी से पूछा-पिताजी !
– ये इमारतें कैसे बनती हैं ? इतनी बड़ी-बड़ी, ऊँची-ऊँची ? सारी इमारतें ईंट, कंक्रीट और बालू रेत से बनती है, उन्हें आधार देने के लिए लोहे की छड़ों का उपयोग किया जाता है । पिताजी ने बताया ।
“इतनी छोटी-छोटी ईंटे, कंक्रीट और बालू से इतनी ऊँची-ऊँची और बड़ी-बड़ी इमारतें कैसे बन जाती हैं ? “उसमें सीमेंट मिलाया जाता हैं ।” लेकिन सीमेंट के बोरों की ऊंचाई तो बहुत कम होती हैं । सीमेंट मिला देने से ऊँची इमारतें कैसे बन जाती हैं । देखो बेटा, मोनू में समझ रहा हूँ की तुम्हारे दिमाग में क्या बातें चल रही है ।
पिताजी ने कहा – सीमेंट बालू और कंक्रीट को मिलाकर पानी की मदद से गारा (मसाला) तैयार किया जाता है । उक्त मसाले में इतनी ताकत होती है की वह बड़ा से बड़ा निर्माण खड़ा कर दे।
हमारे शहर में ऊँची-ऊँची अनेक इमारतें है मगर तुम्हें बता दू ! देश और दुनिया में इनसे भी इंची-ऊँची इमारतें बनी हुई है, कई इमारतें तो इतनी ऊँची है की उसे देखने से लगता है की वह आसमान छु लेगी । यह कैसे हो जाता है ।” भवन निर्माण के लिए अनेक सामग्रियाँ प्रयुक्त होती हैं ।
उन सामग्रियों में जो अलग-अलग शक्ति होती है, एक साथ मिल जाने पर वह अधिक ताकतवर हो जाती है इसे हम सामूहिक शक्ति का प्रयोग भी कह सकते हैं ।” पिताजी ! आपने तो बहुत अच्छी बात बताई । समूह की शक्ति के बारें में बताया ।
जिस तरह दुनिया में इमारतें बनी हुई है, उसी तरह समाज में रिश्ते बने हुए। रिश्तें भी इमारतों की तरह कई अवयवों के मिलाने से बने हैं ? “वे कौन से अवयव है ? मोनू की जिज्ञासा बढ़ गई थी ।
“आपसी विश्वास एक दूसरे के लिए समर्पण मेहनत, लगन, त्याग और निस्वार्थपन, रिश्ते के ये मुख्य अवयव है। ईमारत निर्माण में प्रयुक्त सामग्रियों का अनुपात निर्धारित है ।
उसी तरह रिश्ते की मजबूती के लिए उसके संबंधो की गहराई आवश्यक है ।” “ऐसा नहीं होने से क्या होगा ?” “बड़ी-बड़ी इमारतों के गिरने की घटनाए आए दिन होती रहती है ।
सीमेंट की सही मात्र नहीं देने और निर्माण के बाद उसका पटवन नहीं करने से ऐसा होता है। रिश्ते भी इसी तरह होते हैं। रिश्तों के अवयव में किसी तरह की कमी रिश्ते को तोड़ देती है।
Unity Moral Story For Kids in Hindi
इमारत और रिश्तों में एक बहुत बड़ा अंतर भी है । ईमारत कंक्रीट की बनी निर्जीव वस्तु है। लेकिन रिश्तों का संबंध भावनाओ से होता हैं। पिताजी की बात सुनकर मोनू बहुत खुश हुआ। लेकिन उसके मन में एक आशंका बनी रह गई ।
पिताजी ! संबंध और रिश्तों की मजबूती आदि बातें तो बड़े लोगों के लिए होती हैं ? देखो मोनू ! जो आज बच्चे है वही कल बड़े होंगे। इसलिए बचपन से ही सही आदतें बन जानी चाहिए। अपने भाई बहन, चाचा-फुआ, मां-मौसी, आस पड़ोस आदि जितने संबंध हैं, उनमें प्रगाढ़ता होनी चाहिए संबंधों की पहचान होनी चाहिए।”
मोनू अपने पिताजी के साथ घर आ गया था। पढाई का समय होने वाला था। वह तैयारी में लग गया। दूसरे दिन विध्यालय के लिए निकलने लगा तो सामने पडोसी दिख गए मोनू ने तुरंत कहा, नमस्ते चाचाजी ! वह विध्यालय की और बढ़ गया।
यह कहानी हमें एकता बनाये रखने की तरफ इशारे करती हैं, खास कर बच्चों के लिए क्यूंकि वो अभी बच्चे है अगर हम उन्हें अभी से मानव एकता की तरफ ले चलें और उन्हें एकता की ताकत का एहसास दिलाये तो आने वाली पीढ़ी कितनी उत्तीर्ण होगी यह तो आप भी जानतें हैं ।
जो भावनाए हमारी लोगों के प्रति बचपन से ही बन जाती हैं, वही जिंदगी में घुल मिल जाती हैं, फिर हम हर एक चीज़ को उसी भावना से देखते हैं, मित्रों” आपसे निवेदन हैं, की आप अपने बच्चों को एकता का पाठ सिखाये और सकरात्मका विचार उनकी रूह-रूह में भर सकें , में आप सब से निवेदन करूँगा की आप ( Take it easy ) Movie जरूर देखे यह मूवी बच्चों के ऊपर है, लेकिन यह मूवी बडें लोगों के लिए हैं, मेरा मतलब माता-पिता के लिए, इसमें बताया गया है की हम हमारे बच्चों से कैसा बर्ताव करते आये हैं ।