मानो मत ‘जानो – Short Spiritual Story with morals

Wake Up !!

mano mat jano osho

Master Osho Rajneesh

एक सेठ के घर में चोर घुस गया। कमरे में कुछ खड़खड़ की आवाज़ हुई तो सेठानी चौंक उठी । उसने अपने पति को जगाकर कहा – मुझे ‘लगता है की अपने घर में कोई चोर घुस आया है ।’ सेठ ने कहा – हाँ-हाँ जरूर आया होगा, रात के समय और कौन आ सकता है ?’

यह कहकर उसने चादर सिर तक तान ली। सेठानी ने दरवाजे के छिद्र में से देखा – चोर ने तिजोरी खोल ली है और रुपये और जेवर आदि कपडे में बाँध रहा है। सेठानी ने पति से कहा – ‘जल्दी उठो, उसने सारी संपत्ति कपडे में बाँध ली है ।’

सेठ बोला – ‘में जनता हूँ, वह आया है, तो कुछ लेकर ही जाएगा ।’ सेठानी बोली – ‘हम लूट गए हैं ।’ सेठ ने कहा – में जनता हूँ, मगर अब कोई उपाय भी तो नहीं हैं ।’ इस बार सेठानी को आवेश आ गया । बोली – ‘तुम बस जानते ही रहो । अब मुझे ही कुछ करना पड़ेगा ।’

वह दौड़कर घर के मुख्य द्वार पर पहुंचकर जोरों से चिल्लाई -‘बचाओ! बचाओ! चोर-चोर !’ चोर डरकर गठरी को वहीँ फेंक कर भाग खड़ा हुआ । सेठानी ने गठरी अंदर लेकर पति से कहा -‘मैंने चोर को भगा दिया हैं ।’ सेठ उठकर बोला- में जानता था तुम कमरे से बाहर गई हो तो बचाव का कुछ-न-कुछ उपाय करके ही आओगी ।’

सेठानी ने अपना सिर थाम कर कहा- ‘जानते थे तो फिर साथ क्यों नहीं दिया ?’ इसी तरह आज हम सब जानते हैं, लेकिन ज्ञान को आचरण में उतार नहीं पाते। ज्ञान केवल जान लेने मात्र से कुछ भी लाभ होने वाला नहीं हैं । उदाहरण के तौर पर, ‘हम सर्प को भी जानते है, इसलिए उसके मुह के तो क्या पूंछ को भी हाथ नहीं लगाते ।

बिच्छू के स्वाभाव से परिचित होने के कारण हम उसे अपनी जेब में रखकर नहीं घूमते, क्योंकि हमें यह ज्ञान है की ये विषैले जीव हैं। हम स्वप्न में भी इन्हें पकडने की भूल नहीं करते ।

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आज हमारे तन में जितने रोग नहीं हैं, उससे कहीं अधिक रोग हमने अपने मन में पाल रखे हैं । हमारा चिंतन सकारात्मक कम और नकारात्मक अधिक हो गया है। जीवन की यह मस्ती ही जीवन की कश्ती को डुबो देगी। अभी हमारे पास समय है। हम जागें, अंधकार से बाहर निकलें और जीवन को संवारने का प्रयास करें।

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  1. mahendra singh July 9, 2018

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