Indian Vastu Shastra Tips For Flats in Hindi
वास्तु शास्त्र इस धरती पर मौजूद हर एक चीज पर काम करता है, अगर हम वास्तु शास्त्र की बातों को मानकर घर, दुकान, फ्लैट्स आदि बनाये तो यह हमारे लिए बहुत फायदेमंद होता है। इसके बहुत से सकारात्मक असर पढ़ते हैं।
और अगर वास्तु शास्त्र को नजरअंदाज किया जाए तो इसके हमारे जीवन पर बहुत से नकारात्मक असर पढ़ते हैं। इन से बचने के लिए vastu shastra for flats के बारे में जरूर पढ़ें।
वास्तु विज्ञान को समझने और उससे फायदा उठाने के लिए सबसे पहले दिशाओं का ज्ञान होना जरूरी है। जब आप पूर्व दिशा की ओर मुंह करके खडे़ होते हैं तो आपके बाईं ओर उत्तर और दाहिनी ओर दक्षिण होता है। आपकी पीठ के पीछे पश्चिम दिशा होती है। जहां दोनों दिशाएं मिलती हैं, वह कोण बेहद महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि वह दोनों दिशाओं से आने वाली शक्तियों और ऊर्जाओं का मिला देता है। उत्तर और पूर्व के बीच वाले कोण को उत्तर-पूर्व या “ईशान” कहते हैं। पूर्व और दक्षिण के बीच वाले कोण को दक्षिण-पूर्व या “आग्नेय” कहते हैं, दक्षिण और पश्चिम के बीच वाले कोण को दक्षिण-पश्चिम या “नैऋत्य” कहते हैं। उसी तरह पश्चिम और उत्तर के बीच के कोण को उत्तर-पश्चिम या “वायव्य” कोण कहा जाता है और मध्य स्थान को “ब्रह्रास्थान” के रूप में जाना गया है।
सभी Flats की एक ही दिशा में बालकनी नहीं होती इस दृष्टि से कुछ Flats शुभ तो कुछ मध्यम श्रेणी तो कुछ अशुभ होते हैं।
यदि किसी फ्लैट की बालकनी पूर्व और उत्तर दिशा में हैं तो इसकों सर्वश्रेष्ठ फ्लैट माना जायेगा।
पश्चिम दिशा वाले फ्लैट में बालकनी मध्यम श्रेणी की होती है। इसलिए इसे बंद कर दें।
Flat का मुख्य प्रवेश द्वार शुभ दिशा में हो तो भी गणपति की तस्वीर अथवा मूर्ति को स्थापित करें। मुख्य प्रवेश द्वार अशुभ दिशा में हो तो बंद कर देना चाहिए। जरुरत पडने पर खोलें। इस द्वार पर प्रवेश करने वाली दिवार पर आईना लगा दें। आईना ऐसे लगें कि प्रवेश करने वाला व्यक्ति अपना चेहरा देख सके।
अनष्ठि कार्य शक्तियां उस आईने में अपने प्रतिबिंब को देखकर वापस चली जाएंगी तथा गणपति की तस्वीर या मूर्ति स्थापित करें ताकि आने वाले व्यक्ति की नजर तस्वीर या मूर्ति पर पडें।
Flat में रंग कराते समय अपने मन भावन रंग सफेद, पीला, हरा, नीला, क्रीम या सौम्य रंगों का प्रयोग करें। लेकिन सिलेटी, काला, चमकीला, गहरा, भडकीला रंग इस्तेमाल न करें।
पश्चिम दिशा की ओर खिडकीयों वाला Flat को ख़रीदा जा सकता है। दक्षिण की ओर बालकनी वाले Flat निम्न श्रेणी के होते हैं। बालकनी बंद करके भंडारण ग्रह बना दें। अशुभ प्रभाव समाप्त होगा।
L और C आकार वाले फ्लैट्स कभी नहीं खरीदना चाहिए।
Vastu Tips For Flats Apartments in Hindi
जिस Flat के स्नान ग्रह (Bathroom) आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) कोणों में हो उन्हें नहीं खरीदना चाहिए। क्योंकि यह स्थानांतरित नहीं हो सकते। लेकिन अगर फ्लैट खरीद लिया गया हो तो अपने स्नान ग्रह में जल संग्रह न करें।
इससे विपरित ईशान (उत्तर – पूर्व) (उत्तर – पूर्व) कोण में तांबे के पात्र में गंगाजल भरकर रखें व आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) कोण में लाल रंग का बल्ब जलाकर रखें। स्नान करते समय अपना मूख पूर्व की ओर रखें।
शयन कक्ष (Bedroom) किसी भी कोने में हो लेकिन सोते समय सिर दक्षिणी दीवार और पैर उत्तर दिशा की ओर रहे।
आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) तथा नैऋत्य (दक्षिण – पश्चिम) कोणों का त्याग करके पूजा घर को फ्लैट के ईशान कोण में या पूर्व-उत्तर दिशा में बनाना चाहिए।
उत्तर दिशा और पूर्व दिशा वाली दिवारों पर देवताओं के चित्र लगायें। किसी फ्लैट का ओवरहेड टैंक यदि स्लेब पर रखा हें तो सबसे उपर वाला फ्लैट जो उस स्लेब के नीचे आता हैं ऐसे फ्लैट को खरीदना अशुभ होता हैं। किसी अन्य तल पर फ्लैट खरीदा जा सकता है।
रसोईघर किसी भी कोने पर बनाया जाये मगर गैस चूल्हा आग्नेय (पूर्व-दक्षिण) कोण या पश्चिम दिशा में होना चाहिए।
भारी सामान या वस्तुएं दक्षिण-पश्चिम दीवार के साथ रखनी चाहिए।
स्थान अभाव या अन्य कारणों से ऐसा फ्लैट जो गोल हो वक्राकार हो तथा उबड-खाबड आकृति वाला हो नहीं खरीदना चाहिए।
प्रत्येक कमरे का ईषान्य कोण वाला कोना खाली रखें। यहां पर मिटटी के घडे मे पानी रखना लाभदायक होता है।
आयताकार या वर्गाकार फलेट खरीदना ठीक होता है।
जिस घर में शौचालय और रसोईघर ईशान (उत्तर – पूर्व) कोण में हो उसे नहीं खरीदना चाहिए।
उम्मीद हैं दोस्तों आपको फ्लैट्स के लिए वास्तु शास्त्र टिप्स के बारे में जानकार बहुत अच्छा लगा हो, ऐसे अपने दोस्तों के साथ Facebook, Whatsapp और Twitter पर शेयर जरूर करे। ताकि जिन लोगों को flats vastu shastra के बारे नहीं पता हो उनको भी पता लग जाए। और वह नकारात्मक फ्लैट्स खरीदने से बच जाए।