सर डोनाल्ड ब्रॅडमन की जीवनी – Don Bradman Biography in Hindi

आज हम जानेंगे पुराने समय के सबसे तेज खिलाडी सर डॉन ब्रैडमैन की बायोग्राफी जीवनी के बारे में, हम जानेंगे उनके जीवन से जुडी कुछ बातों के बारे में व किस तरह उनका खेल शुरू हुआ आदि के बार में। आज भी ऐसा कोई खिलाडी नहीं हुआ जो की ब्रॅडमन की गति से रन बनाता हो Sir don bradman biography in Hindi records and wikipedia।

सर ब्रॅडमन का जन्म 27 अगस्त 1908 में हुआ था और उन्होंने इस दुनिया को 25 फ़रवरी 2001 में अलविदा कह दिया।

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सर डॉन ब्रॅडमन बायोग्राफी

क्रिकेट जैसे सबसे ज्यादा लोकप्रिय खेल में अपना नाम रोशन करने वाले कई बल्लेबाज और गेंदबाज हुए है, जिन्होंने अपने बेहतरीन खेल की वजह से न केवल ख्याति प्राप्त की बल्कि कई रिकार्ड्स भी बनाये है। किसी भी बल्लेबाज की कसौटी उसके सबसे ज्यादा रन बनाने और औसत (Average) के अनुसार रिकॉर्ड बनाने में होती है। कई बल्लेबाज बहुत ही धीमी गति से रन बनाते है, तो कई बड़ी तेज गति से रन बनाते है। पुराने समय में सबसे तेज गति से रन बनाने वाले बैट्समेन में जिस सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज का नाम विश्व में बड़े गर्व और आदर से लिया जाता है, साथ ही औसत एवरेज की नजर से उनके रिकार्ड्स की बराबरी भी कोई नहीं कर पाया, जो आज के बल्लेबाजों के लिए भी एक चुनौती बने हुए है, 52 टेस्ट मैचों में जिन्होंने 94.94 की औसत (average) से रन बनाये थे, उस महान बल्लेबाज का नाम था सर डोनाल्ड ब्रॅडमन।

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सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रॅडमन का जन्म ऑस्ट्रेलिया में 27 अगस्त 1908 को हुआ था। जब उनकी उम्र 20 साल की थी तभी 28-29 में इंग्लैंड टीम से खेलते हुए इन्होने 66.85 की औसत से दो शतक बनाये। 5 में से 4 में इन्होने शतक लगाए। इनमे दो दोहरे शतक इन्होने लीडस् टेस्ट में बनाये, जिसमे 334 रन भी शामिल थे।

इन्होने सर हेमंड के 905 रन का रिकॉर्ड को 994 रन बनाकर तोड़ दिया। इस श्रंखला में उनका औसत 134.14 था। वैसे सर ब्रॅडमन का जन्म new south wales के एक छोटे से कसबे कुटामुन्दरा में हुआ था और उनके पिता जो की एक साधारण किसान थे। सर ब्रॅडमन ने अपनी हाई स्कूल की शिक्षा प्राप्त करते ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था।

गोल्फ की पुरानी गेंदों को वो अभ्यास (practice) के दौरान दीवार पर ऐसे मार करते थे की गेंद फर्श पर गिर ही नहीं पाती थी। सीमेंट के फर्श पर अभ्यास के बाद वे बुली नदी की रेत पर भी अभ्यास किया करते थे, जो गेंद की गति और उसके उछाल की दिशा तय करने में मदद करती थी। स्कूल टीम की और से खेलते हुए उन्होंने कूल 156 रन में 115 रन तो स्वयं ही बनाये थे और अपने पारी को गर्व में आकर समाप्त घोषित कर दिया।

उनकी इस गर्वोक्ति की घटना प्राथना सभा में प्रिंसिपल ने सुनाई, तो उन्हें लगा की ऐसी गलती नहीं करनी चाहिए। और तो और एक खिलाडी को इस तरह का घमंड करना शोभा नहीं देता है। स्कूल छोड़कर ब्रॅडमन जमीं सम्बन्धी धंधे में जुड़ गए। इसी दौरान उन्हें राष्ट्रिय टीम में शामिल होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ, जिसमे उन्होंने औसत की नजर से सबसे ज्यादा रन बनाये। सं 1928 में वे इंग्लैंड दौरे पर गई टीम के लिए अच्छे औसत से रन नहीं बना पाए। इसके बाद उन्होंने तीसरे टेस्ट में 79 गेंदों पर 112 और 123 गेंदो पर 371 रन बनाये। 29-30 के सीजन में उन्होंने क्वींसलैंड के विरुद्ध 452 रन बनाकर अपनी क्षमता का परिचय दिया।

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1930 में इंग्लैंड दौरे पर उन्होंने 215 और 185 रनो से खेल शुरू किया और टेस्ट की दूसरी पारी में 131, दूसरे टेस्ट में 254 रन तथा अगले टेस्ट में 334 का विशाल सकोरे हासिल कर इंग्लैंड को भौचंक्का कर दिया। इंग्लैंड के खिलाडी तो उनके नाम से ही कांपा करते थे। अपनी मर्जी के मुताबिक स्ट्रोक खेलने वाले ब्रॅडमन बड़े ही विचित्र शॉट लगाया करते थे, जो की विपक्षी टीम के खिलाडियों की समझ से परे था। फील्डरों के बिच से गेंद ऐसे निकालते थे की उसे कोई छू भी नहीं पाटा था। 1930 में लीडस् टेस्ट में उन्होंने दोपहर के भोजन के पहले शतक लगाया और पुरे दिन में 309 रन बना डाले। 1932-33 में ब्रॅडमन को आउट करने के लिए इंग्लैंड के कप्तान ने body-line नामक गेंदबाजी का षड़यंत्र रचा। ओस श्रंखला में 100 रन बनाकर उन्होंने इंग्लैंड टीम को करारा जवाब दिया।

एक बार तो एक टेस्ट में उनके पैरों का संतुलन ऐसा खोया की वे गिरते रहे, पर बॉल पर से अपनी नजरे नहीं हटने दी। इस रोमांचक नज़ारे को देखने वाले आज भी उसे याद रखे हुए है। ब्रेडमण्ड को सिगरेट, शराब आदि का शोक नहीं था। उन्हें पियानो बजाने का अच्छा शोक था। उनकी पत्नी का नाम जैसी ब्रॅडमन था। सं 1932 में दक्षिण अफ्रीका के विरुद्ध टेस्ट श्रंखला में 1990 रन जुटाकर उन्होंने विश्व कीर्तिमान रच डाला।

ब्रॅडमन के जीवन का सबसे दुखद दिन था- जब वे मेलबोर्न के स्टेडियम में 70,000 दर्शकों के बीच खेल रहे थे, तो उनका रन औसत 99.94 से 100 प्रतिशत हो जाता, लेकिन वह ऐसा नहीं कर सके।

उन्होंने 29 शतक 52 टेस्ट माचो में लगाए थे।

सर डोनाल्ड ब्रॅडमन क्रिकेट के महानतम बल्लेबाज थे। उन्होंने प्रथम श्रेणी के मैच में 338 पारियों में 95.4 के औसत से 28,067 रन बनाये। 80 पारियों में 99.94 के औसत से 6996 रन बनाये। इतने कम टेस्ट मैचों में इतनी गति से रन बनाने का रिकॉर्ड विश्व का कोई भी खिलाड़ी आज तक नहीं तोड़ पाया। हमारे देश के सचिन तेंदुलकर व सुनील गावस्कर ने उनके रनो का रिकॉर्ड यद्द्पि तोड़ दिया है, लेकिन इतने कम टेस्ट मैचों में इतने ज्यादा रन बनाने का रिकॉर्ड सिर्फ ब्रॅडमन के नाम ही रहा है। आज तक उनका यह कीर्तिमान कोई दूसरा नहीं कर पाया है।

तो इस तरह सर डोनाल्ड ब्रॅडमन की जीवनी बायोग्राफी समाप्त होती है। sir donald george bradman biography in Hindi with records and life story के इस पोस्ट को खूब शेयर करे व आज के सभी आम लोगों तक पहुंचाए।

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