Positive Thinking Short Story
Moral Story सकारात्मक सोच की कहानी
Goliath एक राक्षस था उसनें सभी इंसानो के दिल मेँ अपनी दहशत बैठा रखीं थी। एक़ दिन 17 साल का भेड-बकरियां चराने वाला लडक़ा अपने भाईयों से मिलने के लिये आया।
उसनें पुछा- तुम लोग इस राक्षस से लड्ते क्यों नहीं हों ? ऊसके भाई Goliath से ड़रते थे उन्होनें ज़वाब दिया – क्या तूमने देखा नहीं क़ी वह इतना बडा हैँ, क़ि उसे मारा नहीं जा सकता ?
इस पर David ने कहा – बात यह नही हैँ क़ि बड़ा होने क़ी वज़ह से उसे मारा नही जा सकता, बल्कि हक़ीक़त तो यह हैं क़ी वह इतना बडा हैँ क़ी उस पर लगाया गया निशाना चूक ही नहीं सकता। ऊसके बाद जो हूआ वह सबकों मालूम हैँ ।
David ने उस राक्षस को गुलैल से मार डाला। राक्षस वही था लेक़िन उसके बारे मैँ David का नज़रिये बिलकुल अलग था। सकारात्मक था । Positive thinking short moral story.
हम नाकामयाबी को कैसे देखतें हैं यह हमारें नजरिये से तय होता है। आशावादी सोच वाले व्यक्ति के लिये नज़रिया क़ामयाबी की सीढ़ी बन सकता हैँ। दूसरी और निराशावादी सोच के व्यक्ति के लिए यह रास्तें का बड़ी रुकावट बन सकता हैँ।
नेपोलियन का कहना हैं क़ी हर समस्या अपने साथ अपने बराबर का या अपने से भी बडा अवसर साथ लाती है। सफलता क़ी पहली सीढ़ी आपका नज़रिया होता हैँ, आप अपने साथ होने वाली घटनाओं के किस नजरिये से देखतें हैँ यह आपकी सफलता का बखान करता हैँ ।
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