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( votes)Panchtantra Story on Fake Friendship
किसी जंगल में एक वृक्ष पर एक कौआ रहता था। संयोग से एक हंस भी उसी वृक्ष पर आकर रहने लगा। चूंकि दोनों एक ही वृक्ष पर रह रहे थे। इसलिए दोनौ में गहरी मित्रता हो गई। हंस को अपने मित्र कौए पर बडा भरोसा था कि वह कभी भी धोखा नहीं देगा।
तभी एक दिन शिकार करने एक शिकारी उस जंगल में आया और दोपहर को उसी पेड के नीचे विश्राम करने लगा। जिस पर हंस और कौआ रहते थे। शिकारी थका हुआ था। इसलिए वह उस पेड के नीचे लेट गया और उसे गहरी नींद लग गई।
तभी थोडी देर बाद कौए ने बीट कर दी। जो शिकारी पर जा गिरी जिससे उसके कपडे खराब हो गए। कौआ बहुत धुर्त और चालाक था। उसे पता था कि जब शिकारी उठेगा और बीट देखेगा। तो गुस्से में मुझे मार डालेगा।
उसने यह बात हंस को नहीं बताई और चुपचाप दूसरे पेड पर जाकर बैठ गया। थोडी देर बाद शिकारी कि नींद खूली तब उसने देखा की किसी पक्षी ने उस पर बिट कर दी है। इससे उसे बडा गुस्सा आया।
उसने ऊपर कि और देखा तो वहा पर एक हंस बैठा हुआ था। शिकारी ने सोचा कि इसी दुष्ट हंस ने मुझ पर बीट कि होगी। और वह गुस्से मे आकर अपना धनुष-बाण उठाकर हंस पर तीर चला दिया।
तीर लगते ही हंस बेचारा जमीन पर आ गिरा और कुछ देर तड़प-तड़प कर उसने अपने प्राण त्याग दिए। हंस ने कोई अपराध नहीं किया था। फिर भी वह क्यौं मारा गया ?
ऐसा उसकी बुरी संगती के कारण हुआ है। उसने कोए जैसे धुर्त और चालाक प्राणी से मित्रता की और उस पर अंधा विश्वास किया। (fake peoples panchtantra friendship story) बुरे मित्रो की धुर्तता का परिणाम हमेशा उनके नादान मित्रौ को ही भुगतना पडता है। अर्थात हमे बिना सोचे समझे मित्रता में इतना गहरा नहीं जाना चाहिये।
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