Effects Of Positive And Negative Thoughts
‘सकारात्मक और नकारात्मक विचार’ आपके विचारों मे आपके बोले और सोचे हुए दोनों तरह के शब्द शामिल होते है। जब आप किसी से कहते हैं कितना सुहाना दिन है तो आपके मन में विचार पहले आया और शब्द बाद में निकले। ध्यान देने वाली बात यह हैं कि आपके विचार शब्दों के अलावा कार्य में भी बदलते है।
कोई सा भी कार्य करने से पहले आपके मन में उसका विचार पहले आता हैं, सच तो यह हैं कि आप मन में विचार लाये बिना कोई काम कर ही नही सकते।
आपके विचारों से ही यह तय होता हैं कि आपके शब्द और कार्य Positive होंगे या Negative, लेकिन आपको यह पता कैसे चलेगा कि आपके विचार Negative हैं या Positive ?
सकारात्मक और नकारात्मक सोच क्या हैं
देखिए सकारात्मक विचार आपकी मनचाही और प्रिय चीजों के बारे में होते हैं नकारात्मक विचार आपकी अनचाही और अप्रिय चीजों के बारे में होते है। यह पता लगाना इतना ही सहज और आसान है। आप जिसे भी अपने जीवन में लाना चाहते हैं, इसका कारण यह होता हैं कि आप उससे प्रेम करते हैं, पलभर के लिए इस बारे में सोचे,
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आप उन चीजों को अपने जीवन में नही लाना चाहते, जिनसे आप प्रेम नही करते हैं न ? हर व्यक्ति केवल उसी को अपने जीवन में लाना चाहता हैं जिससे वह प्रेम करता है। कोई उसे नही लाना चाहता जिससे वह प्रेम नही करता।
जब आप अपनी मनपंसद और प्रिय चीजों के बारे में सोचते या बात करते हैं जैसे- वो जूते कितने सुदर हैं मुझे वे बहुत पंसद हैं तो आपके विचार सकरात्मक होते है।
यह सकरात्मक विचार आपकी ओर लौटकर आयेंगे और आपको अपनी प्रिय चीज मिल जायेंगी। सुंदर जूते जब आप अनचाही और अप्रिय चीजों के बारे में सोचते या बात करते हैं जैसे- जूतों के भाव तो देखो लूट मची हैं तो आपके विचार नकारात्मक होते है।
यह नकारात्मक विचार भी आपकी ओर लौटकर आयेंगे और आपको अनचाही चीजे मिलेगी, मंहगी चीजें मिलेंगी।
अधिकतर लोग अपनी प्रिय चीजों के बारे मे सोचते और बात करते हैं उससे ज्यादा अ्रप्रिय चीजों के बारे में सोचते और बात करते है। वे प्रेम की बजाय नकारात्मक भाव ज्यादा देते है। इस तरह अंजाने में ही वे खुद को जीवन की सभी अच्छी चीजों से दूर कर लेते है।
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प्रेम के बिना बेहतर जीवन नामुनकिन है। जिन लोगो का जीवन बेहतरीन होता हैं वे अप्रिय चीजों के बदले प्रिय चीजों के बारे मे ज्यादा सोचते और बोलते है। दूसरी और जो लोग दुखी और परेशान हैं वे अप्रिय चीजों के बारे में ज्यादा सोचते और बोलते है।
अपनी प्रिय चीजों के बारे में बातें करें। जब आप आर्थिक तंगी, बुरे सबंध, बीमारी या व्यवसायिक घाटें का जिक्र करते है तो आप अपनी प्रिय चीज के बारे में बात नही कर रहे होते।
जब आप समाचार में दिखाई गयी किसी बूरी घटना पर लंबी चर्चा करते हैं तो आप किसी प्रिय चीज के बारे में बात नही कर रहे होते, परेशान या चिढाने वाले व्यक्ति का वर्णन करते समय आप अपनी प्रिय चीज के बारे में बात नही कर रहे होते।
आपका दिन बूरा रहा। आप Oppointment पर देर से पहुंचे ट्रैफिक में फस गये, या बस, ट्रेन पकडने से चूक गये। जाहिर हैं यह चीजे आपको अच्छी नही लगती और आप इनसे प्रेम नही करते।
दिनभर में ऐसी बहुत से छुूटपूट अप्रिय सी चीजे होती हैं और आप उनके बारे में बातचीत करना चाहते लेकिन ध्यान रहे यदि आप हमेशा अप्रिय चीजों के बारे में ही बात करते रहेंगे तो छोटी से छोटी अप्रिय चीज भी आपके जीवन में ज्यादा संघर्ष और मुश्किल ले आयेंगी ।
बेहतर यही हैं कि आप दिनभर में हुई अच्छी घटनाओं और चीजों के बारे में ही बाते करे। उस अपाॅइनमेंट के बारे में चर्चा करे जिसमें सबकुछ सही रहा। बार-बार बताये कि आपको समय पर पहूंचना कितना पंसद है।
इस बारे में बात करें जो आप अपने व्यवसाय में पाना चाहते है। दिनभर की अच्छी घटना और व्यवहार के बारे में बातचीत करे। उन सभी अच्छी चीजों के बारे में बात करें जिससे आपको आनंद ख़ुशी मिलती हो। यह प्रकृति का नियम हैं हम जो देते हैं वही हमें मिलता हैं –
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