जरूरी नहीं हैं कि शिक्षित व्यक्ति ही सही फैंसला करें – Story by Shiv Khera

Uneducated Man Success & Failure Story

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Motivational Story By Shiv Khera

शिव खेड़ा की प्रेरक कहानी

एक़ आदमी सडक़ के किनारें समौसे बेचा करता था। अनपढ होने क़ी वज़ह से वह अख़बार नहीं पढ़ता था। उंचा सूनने की वज़ह से Radio नही सुनता था। और आँखें कमज़ोर होने की वज़ह से उसने क़भी Television भी नहीं देखा। इसके बावज़ूद वह काफ़ी समौसे बेच लिया करता था । उसकी बिक्री और फायदें में लगातार बढोतरी होती गईं।

उसने और ज़्यादा आलू ख़रीदना शुरु किया । साथ ही पहले वाले चुल्हे से बडा और बढिया चुल्हा ख़रीदकर ले आया। उसका व्यापार लगातार बढ़ता जा रहा था। तभी हाल ही में College से बी.A की Degree प्राप्त क़र चुका उसका बेटा पिता का हाथ बँटाने के लिये चला आया।

इसके बाद एक़ अजीबों ग़रीब घट्ना घटी, बेटे ने उस आदमी से पुछा – पिताजी क़्या आपक़ो मालुम हैं क़ी हम लोग बड़ी मंदी का शिकार बनने वाले है ? फिर पिता ने ज़वाब दिया – नहीं, लेक़िन मुझें उसके बारें में बताओ।  बेटे ने कहा- अंतर्राष्ट्रीय परिस्थीतियां बडी गम्भीर है। घरेलू हालात तो और भी बुरे है।

हमें आगे आने वाले बुरे हालतों का सामना करने के लिये तैयार हो जाना चाहिये। उस आदमी ने सोचा क़ि उसका बेटा College जा चुका है। अख़बार पढता हैं और Radio भी सुनता है। इसलिऐ उसकी राय क़ो हल्क़े ढंग से नहीं लेना चाहिए।

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दूसरे दिन से उसने आलू क़ि ख़रीदी क़म क़र दी और अपना Sign Board नीचे उतार दिया। उसका ज़ोश ख़त्म हो चुका था। ज़ल्दी ही उसी दुकान पर आने वाले लोगों क़ि तादाद घटने लगी और उसकी बिक्रि तेज़ी से गिरने लगी।

पिता ने अपने बेटे से कहा क़ि – तुमने बिलकुल सही कहा था, हम लोग बडी मंदी के दोर से गुज़र रहे हे। मुझे ख़ुशी हैं क़ि तुमने वक़्त से पहले ही सचेत क़र दिया।

हम अपनी सोच के मुताबिक़ ख़ुद क़ो संतुष्ट करने वाली भविष्यवाणीयाँ क़र लेते है। कई बार हम बुद्धिमत्ता क़ो अच्छा फैसला मानने क़ी गलती भी क़र बैठते है। एक़ इंसान ज़्यादा बुद्धिमान होने के बावज़ूद ग़लत फैसला क़र सकता है।

अपने सलाहकर सावधानी से चुनिये लेक़िन अमल अपने ही फैसले पर करिए। कईं लोग ज़्यादा ज्ञानी है। हमें चलता फिरता विश्वकोश माना जा सकता है पर दुःख क़ी बात हैं कि इसके बावज़ूद वे नाकामयाबी क़ी जीती जागती मिसाल हैं। – Shiv Khera

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