Karl Marx Story
एक युवक अपनी धुन में बड़ी तीव्रता से चला जा रहा था । तभी उसकी नजर दिवार पर पुताई कर रहे एक श्रमिक पर पड़ी, जो पुताई तो कर रहा था लेकिन साथ ही सामान व समय की भी बर्बादी कर रहा था ।
वह रुका और उस श्रमिक से बोला, ‘मित्र! क्या तुम ऐसी विधि सीखने के इच्छुक हो जिससे पुताई भी अच्छी हो और समय भी कम लगे ।’
श्रमिक उसे बॉंचाक्का हो देखने लगा। मालिक भी वहीँ खड़ा था। दोनों ने एक साथ कहा, हो भाई! यदि तुम कोई विधि जानते हो तो अवश्य बताओ।’ उस युवक ने आस्तीन चढ़ाई और कूची (ब्रश) व पुताई का सामान लेकर नसैनी पर चढ़ गया। शाम होने से पहले ही उसने कार्य समाप्त कर दिया ।
जब युवक चलने लगा तो मालिक ने उसे पारिश्रमिक दिया। उसने वह पारिश्रमिक लेकर उस श्रमिक को दे दिया और बोला, ‘कार्य तो इसी का था, मैंने तो थोड़ी बुध्दि ही लगाई थी, इसलिए हकदार तो यही है।” वह युवक था कार्ल मार्क्स, जो बाद में साम्यवाद के नए सिध्दांतों का प्रतिपादन कर एक नई शासन व्यवस्था का जनक कहलाया ।
Karl Marx Short Biography-
कार्ल मार्क्स जर्मन के प्रसिध्द फिलॉसफर थे उनका जन्म 5 May 1818 Trier, किंगडम ऑफ़ प्रुशिया, जर्मन कॉन्फ़ेडरेशन में हुआ था और मृत्यु 14 March 1883 को 64 वर्ष की उम्र में लंदन, इंग्लैंड में हो गई थी ।
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