कर्म का फल – जैसी करनी वैसी भरनी हिंदी कहानी

Jaisi Karni Waisi Bharni Story in Hindi

इस जगत का सबसे आश्चर्यजनक नियम 
यह एक बहुत पुरानी कहानी है । लेकिन इसका मूल्य और सन्देश सदाबहार हैं ।
jaisi karni waisi bharni
जैसी करनी वैसी भरनी
जो गढ्ढे हम दूसरे के लिए खोदते हैं । उनमें स्वयं गिरना पढता है । फिर हमनें चाहे गढ्ढे जान के खोदें हो चाहे अनजाने में खोदे हों । जो कांटे हम दूसरों के लिए बोते है । वे हमारे ही पैरों में चिदेंगे अगर फूलों के रास्तों पर चलना हो तो सभी के रास्तों पर फूल बिखेर कर चलना होगा । क्योंकि हमें वहीँ मिलता हैं जो हम देतें हैं ।
“यह कहके आखिरी शब्द शमा हो गई खामोश ।
किसी की जिंदगी लेने से, कभी किसी को जिंदगी न मिली ।”
(कितने पतंगों की जिंदगी लेली रात भर में, मगर अंतिम परिणाम में शमा को खुद बुझ जाना पढता हैं ।)
“फलक के तारों से क्या दूर होगी जुल्मतें सब,
जब अपने घर के चिरागों से रोशनी न मिली”
किसी की जिंदगी लेने से, किसी को जिंदगी न मिली । हमें वहीँ मिलता हैं जो हम देंगे जिंदगी दोगे जिंदगी मिलेगी । जिंदगी लोगे जिंदगी छीन जाएगी । जगत प्रति ध्वनि करता हैं Eco की तरह । अगर हम किसी का बुरा सोचेंगे तो वह जो बुरी सोच हमारे मस्तिष्क में चल रही होगी वही सोच हमारे साथ घटेगी क्योंकि चाहे हम किसी और के बारे में सोच रहे हो लेकिन सोच तो हम रहे है, सोच तो हमारे दिमाग में, मन में ही तो चल रही होगी, वहीँ तो उसका जन्म हुआ । तो वो वहीँ बरसेगी ।
क्योंकि यही प्रकृति का नियम हैं जैसी तुम्हारी सोच होगी वैसा ही तुम्हारा आने वाला कल होगा । हमारी आज की सोच आने वाले कल का निर्माण करती हैं । जगत प्रतिदान है, तुम दान करो । हज़ार गुना होकर लोट आता है सब । यह कहानी तो एक व्यंग है एक मजाक है । मगर जिंदगी ऐसी ही है । अगर इस नियम को हम पहचान कर चलने लगे । तो बस हमारा रास्ता स्वर्ग की तरफ मूड गया समझो ।

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  1. Harpreet Singh February 3, 2018

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