हमारी मांगे ही हमारे दुःख का कारण हैं | Desire Story On Human Life

Inspiring Moral Story On Human Life

human desire story in hindi

Human Desire


Day – 1

जब भगवान ने दुनिया बनाई, तब उसने पहले कुत्ते को बनाया । भगवान ने कुत्ते से कहा, तुम दिन भर घर के बाहर बैठे रहना और जो भी वहां से गुजरे उन पर भोंकना और में तुम्हें जीने के लिए 20 साल की उम्र देता हूँ ।

कुत्ते ने कहा – यह बहुत ज्यादा हैं में 20 साल तक कैसे भोंकता रहूँगा, मुझे सिर्फ 10 साल दे दों जीने के लिए और में 10 साल आपको वापस करता हूँ । भगवान ने कुत्ते की बात मान ली और उसे 10 साल की उम्र दे दी ।

Day – 2
और फिर दूसरे दिन भगवान ने बंदर बनाएं और भगवान ने बंदर से कहा – तुम लोगों का मनोरंजन करना, उन्हें करतब दिखाना और उन्हें खूब हसाना । में तुम्हें जीने के लिए 20 साल की उम्र देता हूँ ।

बन्दर ने कहा – करतब दिखाने के लिए 20 साल की उम्र ? आपको यह ज्यादा नहीं लगती, में भी उन कुत्तों की तरह आपको 20 साल की उम्र में से 10 साल आपको वापस लौटाता हूँ । भगवान राजी हो गये ।


Day – 3

दुनिया बनाने के तीसरे दिन भगवान ने गाय बनायीं । उन्होंने गाय से कहा तुम जंगलों, मैदानों में किसान के साथ जाना, दिन भर तेज़ धुप में भी किसान की गुलामी करना और उन्हें पीने के लिए दूध देने की सहायता भी करना । में तुम्हें जीने के लिए 60 साल की उम्र देता हूँ ।

गाय ने कहा – इस तरह की कठिन और पारिश्रमिक जिंदगी के लिए आप मुझे 60 साल की उम्र दे रहे हैं, आप मुझे सिर्फ 20 साल की उम्र दे दो और बाकी वापस ले लों । भगवान राजी हो गए और उन्होंने गाय की बात मान ली ।


Day – 4

दुनिया बनाने के चौथे दिन भगवान ने इंसान को बनाया, और कहा तुम – सोना, भर-पेट खाना, खेलना, शादी करना, अपनी जिंदगी में खूब मजे करना में तुम्हें जीने के लिए 20 साल देता हूँ ।

इंसान ने कहा – क्या ? सिर्फ २० साल ? में बताता हूँ आपको, में मेरे 20 साल, और 40 वो जो गाय ने आपको दियें थे, 10-10 वो जो कुत्ते और बन्दर ने आपको दियें थे, यह सब कर के 80 होते हैं, और मुझे इतना ही चाहिए, ठीक हैं ? भगवान राजी हो गएं और उन्होंने हां कर दी ।

तो इसीलिए हमारे जीवन के पहले 20 साल हम खूब खाते हैं, सोते हैं, खेलतें हैं, और अपने जीवन को ठीक से जी पाते हैं । फिर अगले 40 साल हम गुलामी करते हैं, अपने परिवार की रक्षा करते हैं, फिर अगले 10 साल हम बंदरो की तरह अपने पोते-पोतियों को हँसाते हैं और फिर आखिरी 10 साल हम एक जगह बैठ जातें हैं और घर के सदस्यों पर भोंकते हैं ।

मनुष्य जिंदगी को आपके सामने बहुत अच्छे से Explained कर दिया गया हैं। (हमारी और-और मांगने की आदत से ही हम परेशान हैं, हमें जितना मिलता हैं उससे हम कभी संतुष्ट ही कहा हुए । हमारे दुखो का कारण सिर्फ एक है और वह हैं – असंतुष्टि) 

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