लगन का फल – Short Moral Stories For Class 1-2 in Hindi

Short Moral Stories in Hindi For Class 2 and 1 first and second

 short moral stories for class 2

  • लगन का फल

Story for class 2 – सोनू हिरन, रंगीला मोर, पिंकी बकरी व हीरू बंदर मीठी कोयल के यहाँ कैसियो सीखने जाया करते थे। चारों सीखते कम थे और बातें ज्यादा करते थे। मीठी कोयल कभी प्यार से, तो कभी नकली गुस्से से उन्हें समझाती और कैसिया सिखाने की कोशिश करती। कुछ गाने वह लोग सीख भी गए। परन्तु घर जा कर वह प्रैक्टिस तो करते ही नहीं थे इसलिए बार-बार भूल जाते और एक-एक गीत सीखने में कई-कई दिन लगा देते थे।

तभी एक दिन गोपू खरगोश ने भी मीठी की संगीत कक्षा ज्वाइन की। वह भी अपना कैसियो लेकर संगीत सीखने आने लगा। गोपू बहुत मन लगा कर सीखता था। मीठी के बताए सभी नोट्स को बहुत ध्यान से याद रखता और साथ ही डायरी में नोट भी कर लेता। गोपू न केवल क्लास में ही बार-बार बजा कर देखता, बल्कि घर पर भी बचे हुए समय में प्रैक्टिस कर लेता।

नतीजा यह हुआ कि वह बहुत जल्दी ही अच्छा कैसियो बजाना सीख गया। मीठी उसकी प्रशंसा करती और सोनू, हीरू, पिंकी व रंगीला को भी उससे प्रेरणा लेने के लिए उकसाती, ‘देखो इतने कम दिनों में ही गोपू कितना बढ़िया बजाना सीख गया, अगर तुम लोग भी इसी तरह अभ्यास करो तो तुम सब भी जल्दी सीख सकते हो। ’शाबाश गोपू।’ टीचर की प्रशंसा व प्रेरणा से गोपू में और लगन से सीखने की इच्छा पैदा होती और वह अधिक मेहनत करता।

एक दिन राजा ’शार्दूल सिहं की तरफ से घोषणा कराई गई, ‘इस बार वन महोत्सव मनाया जाएगा। तरह-तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे नृत्य, संगीत, हास्य आदि की प्रतियोगिताएं होंगी। जो भी जानवर किसी कला में प्रदर्शन करना चाहे वह अपना नाम सेनापति गैंडा सिंह को दो दिनों में नोट करा दे। महोत्सव 15 दिन बाद शुरू होगा और महाराज स्वयं पुरस्कार वितरण करेगें।

नन्दन वन के साथ ही साथ आसपास के वनों के जानवर भी आमंत्रित हैं।’ मीठी कोयल को जब महोत्सव की जानकारी मिली तो उसने अपने छात्रों को संगीत प्रतियोगिता में हिस्सा लेने को कहा। सभी तुरंत तैयार हो गये। अगले दिन से ही मीठी ने एक बहुत सुदंर गीत सिखाना शुरू कर दिया। सोनू, गोपू, रंगीला, हीरू व पिंकी पहले दिन दो लाइनें सीख गये। मीठी ने सभी से उन्हीं दो लाइनों की घर पर अच्छे से प्रैक्टिस करने को कहा।

अब क्लास कुछ ज्यादा देर तक चलने लगी थी और सभी मेहनत कर रहे थे। किन्तु गोपू के अलावा सभी बच्चे ऊबने लगे, क्योंकि खेलने के लिए कम समय मिलता था। धीरे-धीरे घर पर होने वाली प्रैक्टिस कम होने लगी। नतीजा यह हुआ कि गोपू को छोड़कर बाकी बच्चों को लाइनें याद ही नहीं रहती थीं। यह देख कर मीठी को दुख: हुआ। उसने बच्चों में उत्साह भरने की कोशिश की और फिर से पंक्तियाँ सिखायीं। कई दिनों की मेहनत से धीरे-धीरे सभी पूरा गाना सीख गए।

अब बारी थी, सभी को एक साथ गाना बजाने का अभ्यास करने की। बार-बार की प्रैक्टिस करने पर भी लय नहीं आ पा रही थी। कोई ‘स’ बजाता तो कोई ‘रे’ पर पहुँच जाता, कोई ‘ग’ पर होता तो कोई ‘नि’ पर अटक जाता। बीच-बीच में बच्चे लाईने ही भूल जाते। उधर प्रतियोगिता में केवल एक सप्ताह ही बचा था। ’शाम को मीठी चम्पक वन में संगीत सिखाने जाती थी। एक दिन वहाँ से लौटते समय उसका स्कूटर एक पेड़ से टकरा गया।

मीठी को चोट लगी थी और वह अस्पताल में थी, इससे बच्चों की प्रैक्टिस छूट गयी। एक केवल गोपू ही था जिसे पूरा गाना आता था। उसने चाहा कि सभी बच्चे एक साथ अभ्यास करें। लेकिन बच्चे उसकी सुनते ही नहीं थे। प्रैक्टिस न होने की वजह से गाना और बेसुरा होने लगा। परिणाम यह हुआ कि मीठी ने प्रतियोगिता में भाग लेने को ही मना कर दिया। आखिर बेसुरा बजा कर बेइज्जती कराने से फायदा ही क्या?

लेकिन गोपू ने पूछा, ‘दीदी, अगर मैं अकेला ही बजाऊँ, तो?’ और मीठी ने अनुमति दे दी। अगले तीन दिनों तक गोपू ने एकाग्रचित्त होकर खूब मेहनत की। आखिर प्रतियोगिता का दिन आ ही गया। मीठी कोयल भी कमजोरी के बावजूद व्हील चेयर पर पहुँची थी। गोपू ने वास्तव मे बहुत अच्छी प्रस्तुति दी। खूब जोरदार तालियाँ बजीं।

पुरस्कार वितरण के समय जब महाराज ’शार्दूल सिहं ने प्रथम स्थान के लिए गोपू का नाम पुकारा तो पूरा जंगल ही तालियों से गूँज उठा। अब सोनू हिरन, हीरू बंदर, रंगीला मोर व पिंकी बकरी सभी को बहुत अफसोस हो रहा था कि यदि उन्होंने भी आलस न किया होता तो वह भी प्रतियोगिता में भाग ले पाते। उन चारों ने उसी समय मीठी से क्षमा मांगी और वायदा किया कि वह भी अब से हर काम मन लगाकर किया करेंगे ताकि बाद में पछताना न पड़े।

टिनटिन की कहानी – Moral & Motivational Story For Class 2 On Success

“पिंटू तुम फिर कार्टून देख रहे हो, होमवर्क हो गया क्या?” पापा ने ऑफिस से लौटते ही पिंटू को टीवी देखते हुए पाया था। “हाँ पापा, होमवर्क करने के बाद ही मैं ‘टिनटिन’ देखने आया हूँ” “‘टिनटिन!’, यह तो मेरा भी फेवरिट करैक्टर है” यह राज अंकल थे जो पिंटू के पापा के साथ ही घर आए थे। “मैं भी अब पहले ‘टिनटिन’ देखूंगा, पिंटू के साथ” अंकल पापा से बोले।

प्रोग्राम खत्म होने के बाद अंकल ने पिंटू से पूछा, “तुम्हें कौन-कौन से कार्टून करैक्टर अच्छे लगते हैं” “डोनल्ड, मिकी व मिनी, अंकल स्क्रूज, गूफी ।।।, पर सबसे अच्छा तो ‘टिनटिन’ लगता है। इसका कुत्ता स्नोई बड़ा प्यारा है” पिंटू उत्साह में बता रहा था। “पर क्या तुम यह जानते हो कि यह कितने साल पुराना है?” “नहीं अंकल, आपको पता है तो मुझे भी बताइए।

मुझे तो यह हमेशा से उतना ही बड़ा लगता है” ‘टिनटिन’ में पिंटू की रूचि देख अंकल ने बताया, “‘टिनटिन’ कोई 88 साल पुराना है। वह तो सिर्फ एक कार्टून करैक्टर होने से हमेशा उतना ही बड़ा लगता है” “इसे बेल्जियम के जौर्जस रेमी ने 1929 में रचा था।

‘टिनटिन’ का अभी तक 55 से भी अधिक भाषाओं में ट्रांसलेशन हो चुका है” राज अंकल आगे बोले। “अच्छा!” पिंटू को बहुत आनंद आ रहा था। “जब 2004 में ‘टिनटिन’ 75 साल का हुआ तब बेल्जियम में उसके सम्मान में दस यूरो का एक सिक्का जारी किया गया जिस पर ‘टिनटिन’ के साथ-साथ स्नोई भी है।

सिर्फ बेल्जियम ही नहीं बल्कि पूरे यूरोप के लोग ‘टिनटिन’ को बेहद पसंद करते हैं। यह अकेला यूरोपियन कार्टून करैक्टर है जो अमेरिकन टॉम एंड जेरी, मिकी, डोनल्ड इत्यादि से भी अधिक लोकप्रिय है” “और भी कुछ बताइए अंकल, आपको तो बहुत जानकारी है” पिंटू बोला।

अंकल को भी अपने प्रिय कार्टून के बारे में बताने में बहुत आनंद आ रहा था – “एक समय ऐसा भी था जब कैप्टन हैडॉक के चेहरे वाले मास्क की बिक्री ने स्पाइडर मैन के मुखौटों को भी पीछे छोड़ दिया था। ‘टिनटिन’ ने अपना पहला सफर रूस का किया था और ‘टिनटिन’ तो ‘नील आर्मस्ट्रांग’ से 15 साल पहले ही चाँद पर पहुँच चुका था” “क्या मतलब अंकल, मैंने तो पढ़ा है कि ‘नील आर्मस्ट्रांग’ ही वह पहला व्यक्ति था जो चाँद पर पहुँचा था” पिंटू आश्चर्य से बोला।

“वेरी गुड, 1969 में ‘नील आर्मस्ट्रांग’ ही पहली बार चाँद पर पहुँचे थे। पर ‘टिनटिन’ के पहुँचने से मतलब है कि उसको ऐसा करते हुए कार्टून में दिखाया गया था। मजेदार बात तो यह है कि ‘टिनटिन’ ने लौट कर बताया था कि चाँद पर बहुत बर्फ है और सभी ने इस बात को तब सच मान लिया था क्योंकि तबतक कोई चाँद पर गया तो था नहीं।

फिर जब ‘नील’ ने चाँद से लौट कर और ही हाल सुनाया तब सच्चाई पता चली” “अरे वाह! मैं कल अपने दोस्तों को यह सब बताऊंगा। अंकल आप कब से ‘टिनटिन’ देख रहे हैं?” “तब से जब अपने शहर में टीवी आता ही नहीं था। मतलब मैं ‘टिनटिन’ का कॉमिक लगभग 25 -26 साल से पढ़ रहा हूँ। टीवी पर तो अभी भी कम ही देख पाता हूँ। एक बार तो ‘टिनटिन’ येती का पीछा करते हुए हिमालय तक भी आया था।

यह कहानी भी काफी लोकप्रिय हुई थी” अंकल मुस्कुराए। “एक बात और अंकल, ‘टिनटिन’ में कैप्टन हैडॉक, कैलकुलस, थॉम्पसन एंड थॉम्पसन आदि सब पुरुष ही हैं” “तुम ठीक कहते हो पिंटू। केवल ‘बियांका कैस्टाफियोर’ नामक महिला पात्र को छोड़कर उसकी कहानियों में स्त्रियों को भागीदार नहीं बनाया गया है” अंकल ने कहा। “क्या चर्चा चल रही है?”

Hope you like’s short moral stories for class 2 and 1 first second in Hindi language with motivational purpose।

पापा अब तक फ्रेश होकर आ गए थे। “पापा आज तो अंकल ने ‘टिनटिन’ के बारे में मुझे बहुत सी जानकारियां दी हैं” “हाँ, मैं जानता हूँ तुम्हारे फेवरिट ‘टिनटिन’ को। चलो इसी बात पर हमारे लिए मम्मी से चाय बनवाओ” “अभी लाया पापा” और पिंटू उछलता कूदता चाय लेने चला गया।

Leave a Reply