दादी माँ की कहानिया हिंदी में
टॉमी कुत्ते की वफादारी -एक बार टीनू एक पिल्ला ले आया, टीनू की मम्मी उस पिल्ले को देखकर बेहद नाराज हुई मगर टीनू ने उसे नहलाया और रूई के कपडे में लपेटकर उसकी सेवा की, उसने प्यार से उसका नाम टोमी रखा। टीनू की मम्मी अक्सर टोमी को झिझक देती थी लेकिन टोमी कभी कुछ न कहता, धीरे-धीरे वह बडा हो गया अब वह घर के आंगन में बैठा रहता।
टीनू स्कूल से आता तो टॉमी अपनी भाषा में उससे अपने मन की बात कहता। टीनू उसे दिलासा देता। टॉमी अब घर के सदस्य जैसा हो गया था वह हमेशा उस परिवार के उपकार का बदला चुकाने की फिराक में रहता था। लेकिन अभी तक उसे कोई चमत्कार दिखाने का अवसर नहीं मिला था।
धीरे-धीरे गर्मीयां बीत गई और रामलीला के दिन आ गये अचानक शहर में चोरीयां बढ़ गई, उन्ही दिनों में टीनू की काॅलोनी के पार्क में रामलीला शुरू हो गयी थी रात को जब सब लोग रामलीला देखने चले जाते तो चोरो को अपना काम करने में आसानी हो जाती थी। टॅामी भी टीनू के घर की चौकसी किया करता था।
एक दिन चोरों ने उसके घर में सेंध लगाने की सोची, टीनू के घर के लोग गहरी नींद में सोये हुए थे टोमी भी अपने बिछोने पर बैठा था। अचानक टोमी ने टीनू की रजाई खिंचकर उसे जगा दिया और उसका कुर्ता पकड कर कमरे के बाहर ले जाने लगा। टीनू को लगा कि जरूर टोमी कुछ कहना चाहता हैं वह चुपचाप उसके साथ चल पडा।
टोमी उसे आंगन में ले गया टीनू ने देखा कि दो आदमी हाथ में सरिया लेकर उसके मम्मी-पापा के कमरे की ओर बढ रहे हैं उसने टोमी को ललकारा पकड टोमी जाने न पाये। अब क्या था टोमी ने जोर-जोर से भोकना शुरू किया और एक चोर की पिंडली पकड ली। इस बीच टीनू दौडकर अपने मम्मी-पापा को जगाने गया लेकिन वे तो टोमी की आवाजे सुनकर पहले ही जाग चुके थे।
उधर घर की बत्तीयां जलते देख चोर घबरा गये और भयभीत होकर उन्होंने टोमी को सरिये से मारना शुरू कर दिया। मगर टोमी ने अपनी पकड ढीली नही छोडी इसके बाद पिता-पुत्र ने मिलकर चोरों को धर दबोचा और रस्सी से बांध दिया। फिर फोन करके पुलिस को बुला लिया थोडी ही देर में पुलिस आ गई और दोनों को पकड लिया। यह वही दोनों चोर थे जिन्होंने शहर भर में आंतक मचा रखा था।
सभी चोरीयों को भेद खुल जाने से पुलिस और मोहल्ले वाले बहुत खुश थे, पुलिस इंस्पेक्टर ने टीनू की पीठ ठोकते हुए कहा – शाबाश टीनू तुमने अपने कुत्ते को बहुत बढिया ट्रेनिंग दी है। तुम दोनों की मदद से यह चोर पकडे गये। मैं तुम्हें सरकार की तरफ ईनाम दिलाने की कोशिश करूगा।
दादी मा की कहानियां फॉर किड्स
फिर इंस्पेक्टर ने टोमी की पीठ थपथपाई टोमी समझ रहा था कि उसकी तारिफ हो रही है। वह बडी ख़ुशी से अपनी पूछ हिलाता हुआ टीनू को देख रहा था फिर उसने टीनू की मम्मी की तरफ देखा मानो वह कह रहा हो हम जानवर बेकार नहीं होते मां। वक्त पडने पर हम अपने मालिक के लिए जान की बाजी भी लगा देते है।
टीनू की मम्मी ने जैसे उसके मन की बात जान ली और जमीन पर बैठकर प्यार से उसे अपने सीने से लगा लिया। आज उन्हें भी टोमी पर गर्व था जिस कारण पूरे मोहल्ले में उनका सिर ऊँचा हो गया। जानवर पालना बूरा नहीं है लेकिन आवश्यकता यह भी हैं कि उन्हे सही ट्रेनिंग भी दिया जाये।