बीरबल और लालची दुकानदार, Akbar Birbal Ki Kahani Hindi Me

सबसे मजेदार अकबर बीरबल की कहानी हिंदी में

akbar or birbal ki kahani

* पतीले का बच्चा *

एक बार बीरबल को शहर के लोगों ने आकर एक लालची बर्तनों के दूकानदार के बारे में शिकायत की कि वह बहुत लालची है। उसे सबक सिखाओ । यह सुनकर बीरबल दुकानदार के पास गए और वहां से तीन बड़े-बड़े पतीले खरीद लाए । कुछ दिन के बाद वह एक बहुत छोटी-सी पतीली लेकर लालची दुकानदार के पास पहुंचे और बोले, “यह आपके बड़े पतीले ने बच्चा दिया, कृपया इसे रख लें ।” दूकानदार बहुत खुश हुआ और ख़ुशी-ख़ुशी छोटी पतीली ले ली । 

कुछ दिन के बाद बीरबल एक बड़ा पतीला लेकर दूकानदार के पास गए और बोले, “मुझे यह पतीली पसंद नहीं आई, आप मेरे पैसे मुझे वापस कर दीजिये ।” दुकानदार बोला, “लेकिन यह तो सिर्फ एक ही है, जबकि मैंने तुम्हें तीन पतीले दिए थे ।”

बीरबल ने कहा, “जी, असल में दो पतिलों कि मृत्यु हो गई है ” दुकानदार ने जवाब दिया, “जाओ-जाओ क्यों बेवक़ूफ़ बनाते हो ? क्या पतिलों कि मृत्यु होती हैं ?” बीरबल ने जवाब दिया, ” क्यों नहीं, जब पतिलों के बच्चे पैदा हो सकते हैं, तो मृत्यु भी हो सकती है।”

दुकानदार को बीरबल के पैसे वापस करने पड़े। और दुकानदार को “शेर का सवा शेर” भी मिल गया। बीरबल कि होशियारी का कोई जवाब नहीं, उनके जैसे बुद्धिमान पुरुष के किस्से बहुत ही कम सुनने को मिलते हैं ।

 Akbar Birbal Ki Kahaniyan Collection :

सबसे अच्छी अकबर और बीरबल की लघु कहानियां

एक बार अकबर ने बीरबल को बहुत से कीमती उपहार देने का वादा किया और भूल गया। कुछ दिन बाद अकबर और बीरबल यमुना नदी पर घूमने गए। एक ऊंट की गर्दन टेढी देखकर अकबर ने बीरबल से इसका कारण पूछा। बीरबल ने सोचा यहीं मौका है महाराज को उनका वादा याद दिलाने का।

बीरबल ने कहा, ‘महाराज, पिछले जन्म में किसी को कुछ देने का वादा किया होगा और भूल गया। इसलिए इस जन्म में इसकी गर्दन टेढी हो गई।’ अकबर को याद आया कि उसने भी बीरबल को उपहार देने का वादा किया था। कहीं उसकी गर्दन टेढी ना हो जाए। अकबर तुरंत महल गए और बीरबल को उपहार देकर अपना वादा पूरा किया।

  • The Real King Short Kahani

एक बार इरान के राजा ने बीरबल की परीक्षा लेने के लिए उसे अपने दरबार में बुलाया बीरबल ने दरबार में जाकर देखा कि वहा बादशाह की शक्ल के पांच लोग बैठे हैं वह किसे प्रणाम करे? कुछ पल बाद बीरबल ने महाराज के सामने जाकर कहा “महाराज की जय हो!” महाराज अचरज में पड गये।

बोले तुम्हें कैसे पता चला कि असली राजा कोन है? महाराज बाकी चार लोग आपकी नकल करने की कोशिश कर रहे थे, जबकि आप शांत और संतुलित बैंठे थे। इसी से पता चल गया कि असली राजा कौन है इरान के बादशाह ने बीरबल की बुद्धि की तारीफ की और उपहार देकर विदा किया।

  • बेंगन की सब्जी

एक बार अकबर बीरबल शाही दावत का आनंद ले रहे थे तभी अकबर ने बैंगन की सब्जी खाई तो वे बोले, “यह तो बहुत स्वादिष्ट है, मैं इसे बहुत पसंद करता हूँ। ” “जी हांँ, हुजूर! यह तो सब्जियों का सरताज है, इसके बिना दावत अधूरी है। ” बीरबल ने कहा। कुछ दिनों बाद फिर दावत थी, अबकी बार अकबर ने कहा “मेरा मन अब बैंगन से उब गया है, मैं इसे ज्यादा पसंद नहीं करता”

“हुजूर यह एकदम बेकार सब्जी है” बीरबल ने तपाक से कहा। अकबर गुस्से में बोला, “ये क्या चापलूसों जैसी बातें कर रहे हो, उस दिन तो तुम इसकी तारीफ कर रहे थे, और आज बुराई कर रहे हो।” “जी हुजूर, मैं बैंगन का नहीं, आपका सेवक हूँ।” बीरबल का ये जवाब सुनकर अकबर मुस्कुराने लगे।

  • गरज पडती है तो गधे को भी बाप बनाना पडता हैं

एक बार अकबर के दरबार में बीरबल की अनुपस्तिथि में कुछ दरबारी बीरबल की बुराई कर रहे थे। अकबर ने उनसे पूछा, “बताओ सबसे बडी चीज क्या है?” किसी ने खुदा को तो किसी ने भूख को सबसे बडी चीज बताया। लेकिन महाराज संतुष्ट न हुए, उन्होनें गुस्से में कहा “अगर एक हफ्ते में सही जवाब नहीं दिया तो तुम्हें मौत की सजा दी जायेगी” सभी दरबारी घबरा गये।

छठे दिन वे बीरबल के पास गये और जवाब पूछा। “ठीक है, मैं जवाब दूंगा, लेकिन मेरी एक शर्त है कि तुम मुझे मेरी चारपाई समेत दरबार में ले जाना” बीरबल ने कहा। अपनी जान बचाने की खातिर वे बीरबल को चारपाई समेत दरबार में ले जाने को तैयार हो गये। जब वे बीरबल को दरबार में ले गये तो सभी हैरान रह गये। बीरबल ने कहा, “महाराज ! इस दुनिया में सबसे बडी चीज है गरज! अपनी गरज की खातिर ये मुझे चारपाई समेत यहाँ तक ले आए” बीरबल का जवाब सुनकर दरबारी लज्जित हो गये और अकबर मुस्कुराने लगे।

  • संगती का असर – मोरल कहानी

एक बार अकबर बीरबल बातचीत कर रहे थे कि बीरबल के मुँह से अपशब्द निकल पडा। अकबर ने खीजकर कहा, “बीरबल तुम दिन ब दिन बदतमीज होते जा रहे हो” बीरबल : “जी महाराज! पहले ऐसा नहीं था, पर अब संगत का असर आना स्वाभाविक है” ये सुनकर अकबर निरूत्तर हो गए।

  • अंगूठी का गुम हो जाना

एक व्यक्ति ने नसीरुद्दीन को अपने दरवाजे के बाहर जमीन का आशयपूर्वक निरीक्षण करते देखा। “मुल्ला,” उन्होंने कहा, “आप क्या ढूँढ रहे हैं?” नस्रुद्दीन ने कहा, “मैं एक अंगूठी की तलाश में हूं जो मैंने गिरा दी थी “। “ओह,” उस व्यक्ति ने जवाब दिया जैसे उसने खोज शुरू कर दिया। “ठीक है, ठीक है, जब आप यहाँ खड़े थे तब कहाँ गिरी थी। “

“मेरे शयनकक्ष में,” नसरुद्दीन ने कहा, “मेरे बिस्तर के सामने एक पैर से ज्यादा दूर नहीं।” “आपका कमरे में?” “तो आप इसे अपने द्वार के पास क्यों खोज रहे हो?” “क्योंकि,” नासरूद्दीन ने समझाया, “यहां बहुत अधिक प्रकाश है।”

  • Honesty Story

गोलू एक गरीब लडका था। उसके घर में सिर्फ उसकी माँ और वह खुद दो ही सदस्य थे। गोलू स्कूल जाता और आकर मेहनत मजदूरी का काम करता। उसकी पढाई भी एक दिन छूट गई। गोलू की माँ हमेशा गोलू को अच्छी अच्छी कहानियाँ सुनाती । वह कहती थी कि भगवान अच्छाई और सच्चाई के रास्ते पर चलने वालों की जरूर सुनता है।

गोलू भी माँ की बताई हर बात पर अमल करता । गोलू एक सेठ के यहां नौकरी करने लगा । सेठ का काफी बड़ा कारोबार था। गोलू बड़े मन से काम करता और वो भी पूरी ईमानदारी के साथ, इसलिए सेठ का कारोबार भी दिनरात तरक्की कर रहा था। गोलू के कारण अन्य नौकर भी कामचोरी से घबराने लगे। एक दिन सेठ ने गोलू को एक बैग दिया और उसे अपने घर देने को कहा, गोलू बैग लेकर जा रहा था कि उसे बोझ लगने लगा, उसने सोचा कि खोलकर देखा जाए आखिर क्या है।

लेकिन दूसरे पल उसने सोचा कि किसी गैर की अमानत के साथ छेड़छाड ठीक नहीं । अगले दिन सेठ ने गोलू को बुलाया और कहा, “गोलू, हमने कल तुम्हारी परीक्षा ली जिसमें तुम खरे निकले, अगर तुम नकली गहनों से भरा बैग लेकर भाग जाते तो बेईमान भी कहलाते और कुछ हाथ भी नही लगता पर तुमने सही सलामत बैग घर पहुँचाकर अपनी ईमानदारी का सुबूत दिया है आज से हम तुम्हें अपने कारोबार में एक नौकर की नहीं बल्कि मालिक की हैसियत से रखेंगे । आज से तुम हमारे कारोबार के मैनेजर होगे।” यह सुनकर गोलू की आँखों मैं खुशी के आँसू आ गए। उसे उसकी ईमानदारी का इनाम जो मिल चुका था।

  • मेहमान और बीरबल का किस्सा

बीरबल को एक अमीर आदमी द्वारा दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित किया गया था। बीरबल उस आदमी के घर गया और उसे लोगों से भरे हुए एक हॉल में मिला। उसके मेजबान ने बीरबल का गर्मजोशी से स्वागत किया “मुझे नहीं पता था कि इतने सारे मेहमान होंगे,” बीरबल ने कहा कि वह बडी सभाओं से नफरत करता है।

आदमी ने कहा, “वे मेहमान नहीं हैं” “वे मेरे कर्मचारी हैं, सिर्फ एक आदमी को छोड़कर। ये आपके पास एकमात्र मेहमान हैं।” फिर एक चालाकी आदमी के चेहरे पर नजर आई। “क्या आप मुझे बता सकते हैं कि उनमें से कौन मेहमान है?” उसने पूछा। “शायद मैं कर सकता हूँ ,” बीरबल ने कहा। “उनसे बात करो मैं उन्हें देखता हूं। उनसे एक मजाक करो या कुछ कहो।”

अमीर आदमी ने एक चुटकुला सुनाया जो कि लंबे समय से सबसे ज्यादा सुना जा चुका था। “ठीक है,” अमीर आदमी ने कहा ” अब मुझे बताओ कि मेरे दूसरे मेहमान कौन हैं।” बीरबल ने उस व्यक्ति को जो वहाँ था, बताया। “आप कैसे जानते हो?” चकित होकर पूछा । “कर्मचारी अपने नियोक्ता द्वारा किसी भी मजाक पर हँसते हैं,” बीरबल ने समझाया “जब मैंने देखा कि केवल वह व्यक्ति आपके चुटकुले पर हंसने वाला नहीं था, और वास्तव में, ऊब गया था, मुझे पता चला था कि वह आपका अन्य मेहमान है।”

  • अकबर का स्वप्न

एक बार अकबर ने सपने में देखा कि उसके एक को छोड़कर सारे दाँत गिर गए। सुबह अकबर ने ज्योतिषी से सपने का मतलब पूछा। ज्योतिषी ने कहा, “महाराज इस सपने का अर्थ है कि आपके सभी रिश्तेदार व संबंधी आपके सामने ही मर जाएंगे। ” ये सुनकर अकबर को बहुत गुस्सा आया। उसने ज्योतिषि को डाँटकर भगा दिया।

फिर अकबर ने बीरबल से सपने का मतलब पूछा। बीरबल ने कहा, महाराज, इस सपने का अर्थ है कि आप अपने रिश्तेदार व संबधियों में सबसे ज्यादा जीवित रहेंगे।” बीरबल की बात सुनकर अकबर खुश हो गए। और बीरबल को उपहार दिया। बात तो बीरबल ने वहीं कही जो ज्योतिषी ने कही थी पर अलग तरीके से।

  • कौए की गिनती

एक बार दोपहर का सुहावना मौसम था। आसमान में उड़ते कौओ को देखकर अकबर ने बीरबल से पूछा “बीरबल, बताओ, हमारे राज्य में कितने कौवे हैं?” “एक हज़ार” बीरबल ने तपाक से उत्तर दिया। अकबर बीरबल का जवाब सुनकर हैरान रह गया।

उसने कहा की अगर राज्य में कौवे एक हज़ार से कम हुए तो? “तो वे अपने रिश्तेदारो से मिलने बाहर चले गये होंगे” “ओर अगर एक हज़ार से ज़्यादा पाए गये तो?” “तो वे अपने रिश्तेदारों से मिलने बाहर से कौव्वे आ गये होंगे” बीरबल की बात सुनकर अकबर भी झेंप गए।

  • पानी

अकबर के पास दो व्यक्ति आए, सोहन और मोहन । सोहन ने कहा, “महाराज मैंने मोहन से कुँआ खरीदा पर अब वह उसमें से पानी नहीं भरने देता” अकबर ने मोहन को सफाई देने को कहा, मोहन बोला, “महाराज! सोहन ने सिर्फ कुँआ खरीदा है कुएँ का पानी नहीं” बीरबल मोहन की चालाकी समझ गए।

बीरबल ने कहा, “मोहन चूँकि तुमने कुँआ बेच दिया पर पानी अब भी तुम्हारा है तो तुम्हें सोहन के कुएँ में अपना पानी रखने के बदले में किराया देना होगा या कुएँ को खाली करना पडेगा।” बीरबल का तर्क सुनकर चालाक मोहन घबरा गया। उसने भरे दरबार में ‍अपनी गलती स्वीकार की और सोहन से माफी माँग

  • पेंटिंग

एक बार अकबर ने बीरबल को बताया, ‘बीरबल, एक पेंटिंग बनाएं। इसमें कल्पना का प्रयोग करें ‘लेकिन हूज़ुर, मैं मंत्री हूं, मैं कैसे पेंट कर सकता हूं?’ राजा गुस्से में था और कहा, ‘अगर मुझे एक हफ्ते से अच्छी पेंटिंग नहीं मिलती तो आपको फांसी दी जाएगी!’ चतुर बीरबल को एक विचार आया ।

एक हफ्ते के बाद, वह दरबार में गया और एक कवर फ्रेम ले लिया। अकबर यह देखकर प्रसन्न था कि बीरबल ने उसके आदेश का पालन किया था, जब तक वह कवर नहीं खोला। दरबारियों ने यह देखा कि क्या गलत था। उन्होंने जो देखा उसे देखकर बहुत खुश महसूस किया। आखिरकार, वे बीरबल को दरबार में नहीं देख पाएंगे! चित्रकला में जमीन और आकाश के सिवा कुछ भी नहीं था।

जमीन पर हरे रंग के कुछ निशान थे। सम्राट ने गुस्से में कहा, ‘यह क्या है?’ जिसके जवाब में ‘एक गाय घास खा रही थी !’ अकबर ने कहा ‘गाय और घास कहाँ है?’ और बीरबल ने कहा ‘मैंने अपनी कल्पना का इस्तेमाल किया गाय घास खा गई और अपने शेड में लौट गईं! ‘

नहले पर दहला

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पढ़िए बीरबल कैसे अकबर के नहले पर देहलता मारते हैं, यह अकबर बीरबल के कुछ मजेदार किस्से कहानियों में से एक है। best of birbal।

एक बार शाम के समय अकबर और बीरबल बगीचे में चहलकदमी कर रहे थे। अचानक अकबर को बीरबल का मजाक बनाने की सुझी। अकबर ने बीरबल से कहा- बीरबल कल रात हमने एक अजीब सपना देखा लेकिन वह तुम्हें बताने लायक नहीं है।

बीरबल समझ गये कि बादशाह उसका मजाक बनाना चाहते हैं, फिर भी उन्होंने नम्रता पूर्वक कहा – जहापनाह सपना तो सपना है सच थोडे ही होता है। आपने सपने में जो भी देखा हो उसे कह डालिये हमारे ज्योतिषियों का कहना हैं कि अच्छा सपना भले किसी को न बताओ मगर बूरा सपना जरूर सूना देना चाहिए।

इससे उसकी अशुभता कम हो जाती है। नहीं, नहीं बीरबल तुम्हें बूरा लगेगा सपना एसा विचित्र हैं कि तुम उसे सुनना पसंद नहीं करोगे। अकबर बीरबल की उत्सुकता बढाने लगे लेकिन बीरबल सब समझ रहे थे कि बादशाह चाहते हैं मैं जीद करके सपना सुनने की गुजारिश करूं।

इसलिए संजीदा होकर वे बोले- जहांपनाह मैंने आपकी किसी बात का कभी बूरा नहीं माना फिर भी आप उसे न बताना चाहे तो कोई बात नहीं। जब अकबर ने देखा कि बीरबल तो बात ही खत्म कर रहा हैं तो जल्दी से बोखला कर बोले – अरे नहीं, नहीं सुनों जब तुम इतनी जीद कर रहे हो तो तुम्हें बताना ही पडेगा। बीरबल ने कहा- ठीक हैं बताईये।

बादशाह अकबर ने जब बीरबल की ली

अकबर बताने लगे कल रात हमने सपने में देखा कि शाम के समय हम दोनों सैर को निकले वहां रास्ते के एक ओर दो बडे-बडे कुण्ड बनें हुए थे एक में शहद था दूसरे में किचड (पाखाना)। फिर अचानक हम दोनों के पैर फिसल गये हम शहद भरे कुंण्ड में जा गिरे और तुम किचड (पखाने) से भरे कुण्ड में फिर क्या हुआ ? फिर क्या होना था ? हमारी आंख खुल गयी सपना पूरा हो गया।

(मजेदार कहानी बीरबल की)। कमाल हैं कुछ सोचनीय मुद्रा बनाकर बीरबल बोले – मैंने भी कल रात बिलकुल यही सपना देखा था पर मेरा सपना कुछ ज्यादा लंबा था। अच्छा तो जल्दी बताओं आगे क्या हुआ ? छोडिये जहांपनाह अब बीरबल नखरे दिखाने लगे।

सपने का क्या वह तो बेसिर पैर का होता है। आगे का सपना शायद आपको अच्छा न लगे। यह सुनकर बादशाह की उत्सुकता बढ गयी बोले नहीं , नहीं बीरबल तुम बताओं तो सहीं आगे क्या हुआ। होना क्या था आपके शरीर पर तो शहद इस कदर चिपक गया था कि आप हाथ-पांव तक नहीं हिला पा रहे थे। आपने मुझे आवाज लगाई और कहा कि बीरबल बचाओं।

अब मालिक की पुकार सुनकर भला सैंनिक कैंसे नहीं आता ? मैं जैसे तैसे बाहर निकला देखा आप तो गर्दन तक शहद में लिपटे पडे थे, मैंने बडी मुश्किल से आपको निकाला, यह सुनकर अकबर बेहद खुश हुए और बोले- बिलकुल ठीक ऐसा ही हुआ होगा और यही पर तुम्हारा सपना भी पूरा हो गया होगा।

जब बीरबल ने नहले पर दहला मारा कहानी

बीरबल बोले नहीं जहापनाह इसमें खास बात तो अब आती है फिर हुआ यह कि कुण्ड से बाहर निकलने के बाद आपसे चला भी नहीं जा रहा था। आपने फिर कहा कि बीरबल कुछ करो फिर मैंने बुद्धि से काम लिया और आपके शरीर पर से शहद चाटने लगा।

जब आपकी तकलीफ दूर हो गई तो आपसे मेरी तकलीफ नहीं देखी गई और आप मुझे चाटने लगे और बस सपना पूरा हो गया। पर आप बूरा मत मानीयेगा सपना तो आखिर सपना ही होता हैं वह सच थोडे ही होता है। बादशाह बीरबल का मजाक उडाने चले थे पर बीरबल ने नहले पर देहला जड दिया।

उम्मीद है प्रस्तुत अकबर बीरबल की यह कहानी किस्से आपको पसंद आई हो। यहाँ बीरबल की बहुत सी और भी कई तरह की कहानियां मौजूद हैं, उनको पड़कर आपको और आनंद आयेगा।

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हथेली पर बाल क्यों नहीं होते अकबर बीरबल लम्बी

एक बार अकबर भरे दरबार में बैठे थे। अकबर के मन में अचानक एक विचार आया और उन्होंने सभी दरबारीयों से एक सवाल पूछा- क्या आप बता सकते हैं कि मेरी हथेलियों पर बाल क्यों नहीं है ? जहांपनाह हथेलीयों पर बाल होते ही नहीं है।

सभी दरबारीयों ने एक स्वर में कहा और गर्व से फूल गये कि उन्होंने बादशाह के सवाल का तुरन्त जवाब दिया मगर अकबर बादशाह को इस सीधे सादे उत्तर से क्या संतोष होना था। उन्होंने फिर पूछा क्यों नहीं होते ? सब दरबारी चूप क्या जवाब दें।

जब हथेली पर बाल नही होते तो नहीं होते, यह तो कुदरत की बात है। उन्हें चुप देखकर बादशाह ने बीरबल की तरफ देखा- बीरबल तुम्हारा क्या खयाल है ? बीरबल ने कहा- जहांपनाह आप रोज-रोज अनेक गरीबों को दान देते हैं जिससे आपकी हथेली लगातार घीसती रहती हैं इसलिए इस पर बाल नहीं उंग पाते।

बीरबल का जवाब सुनकर बादशाह खुश हो गये मगर तुरन्त ही उन्होंने पुछा – माना कि दान देते रहने से हमारी हथेली में बाल नहीं उग पाते लेकिन तुम्हारी हथेली में बाल क्यों नहीं है ? जहांपनाह आप रोज मुझे ढेरों उपहार देते रहते हैं उन उपहारों को लेते-लेते मेरी हथेली भी तो घीसती हैं इसलिए मेरी हथेली मे बाल नहीं उगते।

बीरबल की चतुराई

अकबर ने सोचा बीरबल तो बहुत चतुर निकला लेकिन आज वह बीरबल की पूरी परीक्षा लेना चाहते थे इसलिए फिर पूछा- तुम्हारी और मेरी हथेलीयां तो घीसती रहती हैं लेकिन हमारे अन्य दरबारीयों की हथेलीयों में भी बाल नहीं उगे इसका क्या कारण है?

बीरबल ने हसंते हुए कहा यह तो बिलकुल सरल बात हैं आलमपनाह आप मुझे प्रतिदिन उपहार देते रहते हैं इससे दरबारीयों को भारी ईष्या होती हैं और यह हमेशा हाथ मलते रहते हैं, यदि हथेलीयां लगातार घीसती रहे तो उन पर बाल कैसे उगेंगे। यह सुनकर अकबर खिलखिला कर हसं पडे। बीरबल से जलने वाले दरबारी और अधिक जल उठे।

तीन-तीन गधों का भार बीरबल की कहानियां इन हिंदी में

एक बार अकबर अपने दो शहजादों के साथ तालाब में स्नान करने गये हमेशा कि तरह आज भी बीरबल उनके साथ थे, बीरबल को स्नान नहीं करना था इसलिए अकबर और दोनों शहजादों ने अपने-अपने कपडे उतार कर बीरबल को दे दिये।

बीरबल ने सभी कपडे अपने कंधे पर रख लिये, अकबर ने पानी में तैरते-तैरते बीरबल की ओर देखा वह मन ही मन सोचने लगे बडा मूर्ख हैं बीरबल यहां नहाने का मजा लेने के बदले कंधे पर कपडे लिये किनारे पर बैठा है,फिर जोर से उन्होंने कहा – बीरबल तुम्हारे कंधों पर तो एक गधे का बोझ आ पडा है।

बीरबल चोंके वह समझ गये कि बादशाह अकबर उन्हें गधा कह रहे है, ऐसे अवसरों पर बीरबल कभी नहीं चुकते थे, उन्होंने फौरन नहले पर देहला मारा, जहांपनाह एक गधे का नहीं तीन-तीन गधो का बोझ आ पडा है। अकबर क्या बोलते उनकी बोलती बंद हो गयी। बीरबल ने उन्हें मूंहतोड जवाब दे दिया था।

उम्मीद हैं दोस्तों आपको यह अकबर बीरबल की कहानी जो की इन हिंदी भाषा में दी गई थी, इन्हें पढ़कर आपको बहुत ही अच्छा लगा होगा। इसके साथ ही और भी कई कहानियां यहाँ दी गई हैं। आप उन कहानी किस्से को भी पढ़ें। इन बीरबल की कहानियों को आप अपने दोस्तों के साथ सोशल नेटवर्क पर SHARE जरूर करे, ताकि यह शानदार अकबर बीरबल की रोचक कहानी सभी लोगों तक आसानी से पहुंच जाए।

One Response

  1. akbar birbla kisse January 20, 2017

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