पीपल के पेड़ की पूजा क्यों होती है – Peepal Tree in Hindu Religion

Importance of peepal tree in hindi – श्रीमद भगवद गीता में भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं की में वृक्षों में पीपल का वृक्ष हूं। (पीपल का पेड़ लगाने के वास्तु लाभ) इसलिए हमारे ऋषियों ने इसे भगवान् का निवास स्थान मान लिया। पुरातन समय में सनातनी हिन्दू पीपल की रक्षा के लिए अपना सर भी कटाने के लिए तैयार हो जाते है, लेकिन पीपल को काटने नहीं देते थे। उनकी सोच समझ कितनी विलक्षण थी, मात्रा इसलिए नहीं की यह वृक्ष मूर्तिमान भगवन श्री विष्णुस्वरुप है, वह यह भी जानते थे की इस वृक्ष की वायु प्राणवायु प्रदाता हैं।

आज के वैज्ञानिक अनुसंधानों से यह साफ़ हो गया हैं की वृक्षों में मात्रा एक पीपल वृक्ष ही ऐसा हैं, जो रात दिन बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन का विसर्जन करता रहता है। इसीलिए हमारे ऋषियों ने इसे जगत का पालक सिद्ध किया। यह गर्मी में शीतलता और सर्दी में उष्णता प्रदान करता है। इसके पत्तों की ध्वनि से बीमारी के संक्रामक कीटाणु धीरे-धीरे नष्ट हो जाते हैं, पीपल ट्री वास्तु।

पीपल की पूजा क्यों होती है, पीपल की पूजा

Peepal Tree Vastu – पीपल की पूजा क्यों होती है, हिन्दू पूजा क्यों करते हैं

आयुर्वेद के हिसाब से पीपल के पत्ते छाल, फल सभी रोग नाशक हैं, जिनसे पित्त, कफ, रक्तविकार, विषदोष, खांसी, कुष्ठ, त्वचा रोग आदि दूर होते हैं। इससे यह स्वतः: ही सिद्ध हो जाता हैं की पीपल प्राणवायु प्रदाता है, तभी तो इसे विष्णुरूप मानकर जगत का पालक कहा गया हैं।

पीपल में पितरों का वास है, ऐसा माना जाता हैं, इसीलिए मुंडन आदि संस्कार पीपल के निचे बैठकर करवाने की परंपरा भी हैं। शनि की साढ़ेसाती में पीपल के वृक्ष का पूजन और उसकी परिक्रमा करने का विधान भी हैं। तो यह सब बाते ध्यान में रखते हुए हम पीपल को भगवान् के स्वरुप में मानते हैं।

जो हमारे धरती, पर्यवरण को बचाने के लिए दिन रात ऑक्सीजन देता रहता हैं, जिसकी हमें सबसे ज्यादा जरुरत हैं। इस बात से आप जान सकते हैं की यह हमे प्राण ऊर्जा देता हैं जो की हमारे जीवन का संचालन करती हैं तो फिर इसे भगवान् न कहा जाए तो और क्या कहे, क्योंकि यही सबसे अधिक ऑक्सीजन प्राण ऊर्जा देता हैं।

पीपल का पेड़ इन हिंदी फायदे एवं लाभ

ऐसा भी कहाँ जाता हैं की जिस व्यक्ति को शनि देव की शांति करवाना हो उसे जीवन में एक पीपल का पेड़ जरूर लगाना चाहिए, ऐसा करने से शनि देव से शान्ति मिलती हैं। साथ ही हर शनिवार को पीपल को पानी में दूध मिलाकर चढ़ाये, उसकी 7 परिक्रमा लें और पीपल को गले से लगाए। इसके अलावा सप्ताह में किसी भी दिन परिक्रमा व पीपल को गले नहीं लगाना चाहिए, सिर्फ शनिवार को ही यह करे। बाकी सभी दिन आप पीपल को सादा जल चढ़ा सकते हैं ताकि वह बढ़ा होता रहे।

Peepal tree benefits for vastu – तो अगर आपको भी पीपल के वास्तु लाभ फायदे जानकर अच्छा लगा हो तो जीवन में एक पीपल का पेड़ जरूर लगाए।

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