ऋषि और चुहिया – समाज का महत्व : हिंदी कहानी

समाज का महत्व – ऋषि और चुहिया

Importance Of Society in Hindi

यह कहानी पढ़कर आप समाज शब्द का आतंरिक अर्थ अच्छे से समझ जायेंगे। इसलिए इस कहानी को पुरे ध्यान से पढ़ें।

एक बार बिलाव से भयभीत चुहीया ऋषि के आश्रम में आई और बोली – ऋषीवर बिलाव से मेेरी रक्षा करो। ऋषि को चुहीया पर दया आ गई और उन्होंने उसे तपोबल से बिलाव बना दिया। लेकिन कुछ दिन बाद ही बिलाव बनी वह चुहीया फिर से ऋिषी की शरण में आई और बोली प्रभू कुत्ते से मेरी रक्षा करों। इस बार ऋषि ने उसे कुत्ता ही बना दिया। कुछ दिन बाद वह फिर आई बोली- प्रभू शेर से मेरी रक्षा करो। इस बार ऋिषी ने उसे शेरनी बना दिया। अब वह आनंद से जंगल में विचरती और शिकार करके पेट भरती।

लेकिन कुछ ही दिनों बाद वह सहमी हुई फिर से ऋषि के पास आई और बोली – प्रभू मनुष्य से मेरी रक्षा करो। इस बार ऋषि ने उसे सुन्दर कन्या बनाया, और सोचा कि मैं इसकी शादी दुनिया के सबसे शक्तिशाली आदमी से करूंगा। वह राजा के पास गये और अपने मन की बात बताई राजा ने कहा – मुझसे शक्तिशाली तो वायुदेव हैं,

राजा का उत्तर सुनकर ऋषि वायुदेव के पास गये वायुदेव ने कहा – प्रभू मुझसे शक्तिशाली तो पर्वतराज है। तब ऋषि पर्वतराज के पास गये और बोले- मुझसे शक्तिशाली तो मूषकराज है। ऋषिवर वे तो मेरी जड तक खोद देते हैं।

अब ऋषि ने मूषकराज के पास जाकर गुहार की तो वे तत्काल विवाह के लिए तैयार हो गये। ऋषि ने उस सुंदरी को फिर से चुहीया बना दिया और उसका विवाह मूषकराज से कर दिया। विवाह के बाद चुहीया बेहद प्रसन्न हुई। फिर ऋषि सोचने लगा आखिर चुहीया को चुहीया बनकर ही सुख मिला।

ईष्वर की माया बडी विचित्र हैं मैंने इसे क्या-क्या न बनाया लेकिन इसके भाग्य में समाज से अलग न होना ही लिखा था सो ऐसा ही हुआ।

सच ही हैं कि जो जिस समाज का प्राणी हैं वह उसमें ही सुखी और सुरक्षित रह सकता है। इसलिए हमें हमारे समाज के लोगों के संग ही रहना चाहिए।

इस कहानी में समाज का अर्थ आपकी श्रेणी से है, ना की जात पात से। समाज यानी आपके सामान आपके ही जैसा। दोस्ती, रिश्तेदारी आदि इन सभी चीजों को अपनी समझ, अपने जैसे लोगों के साथ करना चाहिए यही लाभदायक और सुख शांतिदायक होता हैं।

हम एक बार फिर बता दें की समाज कर अर्थ हैं। आपकी समाज और आपके जैसे लोगों से, इसमे यह जरुरी नहीं की समाज वही हो जो आपकी जाति का हो।

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