सच्ची भक्ति, ब्राह्मण और भील Short Spiritual Story on Sachhi Bhakti

Sending
User Review
1 (1 vote)

भील की भक्ति – Short Devotional story in Hindi

bhakti story in hindi

सच्ची भक्ति पर कहानी

सच्ची भक्ति की कहानी एक पर्वत पर शिवजी का एक सुन्दर मंदिर था। वहां बहुत से लोग शिवजी की पूजा के लिए आते थे। इनमें दो भक्त थे – एक ब्राह्मण और दूसरा भील। ब्राह्मण प्रतिदिन शिवजी का अभिषेक करता, उन पर फूल पत्तियां चढ़ाता, गूगल जलाता और चन्दन का लेप करता।

भील के पास ये सब वस्तुए न थी इसलिए वह बेचारा हाथी के मद-जल से शिवजी का अभिषेक करता, उन पर जंगल की फूल पत्तियां चढ़ाता और भक्ति भाव से उनके सामने नृत्य करता ।

एक दिन ब्राह्मण जब मंदिर में गया तो उसने देखा की शिवजी भील से वार्तालाप कर रहे है। ब्राह्मण को यह अच्छा न लगा। उसने सोचा – में ब्राह्मण हूँ, भाँती-भाँती के बहुमूल्य पदार्थो से भगवान की पूजा करता हूँ, फिर भी भगवान मुझे छोड़कर इस भील से वार्तालाप करते हैं।

उसने शिवजी से पूछा ‘भगवन, क्या आप मुझसे असंतुष्ट है ? में ऊँचे कूल में पैदा हुआ हूँ तथा बहुमूल्य पदार्थो से आपकी पूजा करता हूँ, जब की यह भील निकृष्ट और अपवित्र पदार्थो से आपकी उपासना करता है, फिर भी आप इसे चाहते हैं ।

शिवजी ने उत्तर दिया- ‘ब्राह्मण, तुम ठीक कहते हो, परन्तु इस भील का जितना स्नेह मुझ पर है उतना तुम्हारा नहीं ।’

एक दिन शिवजी ने अपनी एक आँख फोड़ ली। ब्राह्मण नियत समय पर पूजा करने आया । उसने देखा शिवजी की एक आँख नहीं है। पूजा करके वह अपने घर लौट आया। उसके बाद भील आया। जब उसने देखा की शिवजी की एक आँख नहीं है तो उसने झट से अपनी आँख निकालकर उनको लगा दी।

दूसरे दिन ब्राह्मण फिर उपासना करने आया। शिवजी की दोनों आँखे देखकर उसे अत्यंत आश्चर्य हुआ। शिवजी ने कहा– ‘ब्राह्मण इस आँख को गौ से देखो, ये उस भील की आँख है जो उसन मुझे प्रेमपूर्वक समर्पित की है।

तुमने तो ऐसा सोचा भी नहीं। इसलिए में कहता हूँ वह भील ही मेरा सच्चा भक्त है। ‘शिव की कृपा से भील की आँख भी ठीक हो गई और उसके दिव्य चक्षु भी खुल गए।

आशा करते है आपको यह सच्ची भक्ति की कहानी बहुत अच्छी लगी होगी, ऐसी और कहानियां पढ़ते रहने के लिए हमसे जुड़े रहे.

3 Comments

  1. Aanand July 26, 2018
  2. devendra methri July 30, 2019
  3. Priya gupta January 9, 2020

Leave a Reply