बहुत से लोगों की आदत होती है, वह हर पल दूसरों का मजाक बनाने के लिए तैयार बैठे रहते हैं। दूसरों का मजाक बनाना ही उनका आनंद हो जाता है। और ऐसा करने जिसका मजाक बन रहा होता है उसका तो कुछ नही होता लेकिन ऐसा करने से मजाक बनाने वाले को बहुत से नुकसान हो जाते हैं
Story On Insulting Other With Morals
नंदन वन में एक घंमडी उंट रहता था। उसका काम ही दूसरों की निंदा ओर उपहास करना था। इसमें उसे बहुत आनंद आता था। वह हमेशा दूसरे जानवरों व चिड़ियों की शारीरिक आकृति को लेकर खिल्ली उडाया करता था।
बंदर से कहता तुम तो जरूर ही किसी पाप के कारण आदमी बनते-बनते रह गये। लगता हैं भगवान के पास तुम्हें देने के लिए अक्ल की कमी थी इसलिए तुम्हें बंदर बनाकर जंगल में भेज दिया।
भैंस से कहता – तुमने विधाता के साथ जरूर कोई शैतानी की होगी तभी तो उसने तुम्हें काली कलुटी बनाया है। तुम्हारें टेढे-मेढे सींग तुम्हें और भी बदसूरत बना देते हें और आंखे तो देखो कैसी है।
मोर से कहता – तुम खुबसुरत तो हो लेकिन तुम्हारें पैर कितने बदसूरत है।
हाथी को चिढाता हुआ कहता – तुम तो कार्टून जैसे लगते हो विधाता ने तुम्हें तुरत-फुरत में बनाया होगा, देखो तुम्हारा शरीर तो कितना बडा हैं और पूछ कितनी छोटी हैं आंखे कितनी छोटी हैं और कान कितने बडे है।
तोते से कहता – विधाता ने वाकई तुम्हारे साथ मजाक किया है। तुम्हारी चोंच लाल रंग की हैं लेकिन टेढी है। इस तरह उंट हमेशा सभी जानवरों का मजाक उडाया करता था। एक बार उंट की भेंट लोमडी से हुई। वह बडी ही मूंह फट और चालाक थी, खरी बात कहने में बिलकुल नहीं हिचकती थी।
एक दिन ऊंट की उस लोमड़ी से एक रास्ते पर मुलाकात हो गई। इससे पहले की उंट उसके बारे में उल्टा सीधा बोलना शुरू करता इसके पहले ही लोमडी ने कहा – अरे उंट तू लोगों के बारे में उल्टी-सीधी बातें करने की गंदी आदत छोड दे।
जरा अपनी शक्ल सुरत देख लंबूतरा चेहरा, पत्थर जैसी आंखे, पीले-पीले भददे दांत, टेढे-मेढे पैर और तेरी पीठ पर यह भददा सा कुबड तोप जैसी गर्दन सभी जानवरों में सबसे बदसूरत तो तू ही है। दूसरे जानवरों मे तो एक-दो कमीयां है तुझमें तो बस कमीया ही कमीया है।
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लगता हैं भगवान ने तुझे कुडे कर्कट से बनाया है। लोमडी की खरी-खरी बातें सुनकर घमंडी ऊंट का सिर शर्म से झुक गया। और वह वहां से चुपचाप खिसक गया। फिर कभी उसने किसी का उपहास नहीं किया। जिस तरह इस ऊंट की आदत है ठीक ऐसी ही आदत बहुत से लोगों की भी होती है वह भी हर पल दूसरों का मजाक उड़ाने में व्यस्त रहते हैं। ऐसे लोग आईने में अपना चेहरा तो देखना भूल जाते हैं और दूसरों को उपहास करते है।
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