एक नहीं दो-दो है – Clever Birbal Story in Hindi

Clever Birbal Funny Story in Hindi

अक्सर अकबर और बीरबल के बीच नोक-झोंक होती रहती थी। एक बार की बात हैं कि बीरबल ने अकबर से शाही फरमान हासिल कर लिया कि जो शख्स अपनी बीवी से डरता होगा यह सिद्ध होने पर एक मुर्गा बीरबल को बतौर तोहफे के रूप में देना होगा।

इसके कुछ दिन बाद बीरबल ढेर सारे मुर्गें इकट्ठे करके दरबार में पधारे और अकबर से बोले- हूजूर मुर्गे जमा करते-करतें मैं बूरी तरह थक चूका हूं, मेहरबानी करके अपना यह हुक्म वापस ले लीजिए।

इस पर अकबर ने सीना फूलाकर कहा- बीरबल कमान से निकले तीर की भांति यह तीर भी अब निकल चूका समझो। फिलहाल तो कोई और जिक्र करो। जैसा आपका हूक्म आलमपनाह!

बीरबल ने एक विशेष अंदाज में कहा – एक ताजा और खास खबर यह हैं कि आपके पडोस के राज्य में एक शहजादी एकदम परीयों जैसी खूबसूरत है, वह हर तरह से आपके दरबार की शोभा बढाने योग्य है, आप निकाह करके उसे अपना लें।

बीरबल की बात पर बादशाह ने खीजकर इधर-उधर देखा, और कहने लगे अमा, आहिस्ता बोलो जनानखाने में एक नहीं दो-दो है। बीरबल ने झट से कहा लाईये अब आपको दो मूर्गों का तोहफा देना होगा।

अकबर को मूर्गे देने पडे उस समय अकबर की दो ही बीवीयां थी। तो देखा आपने कैसे बीरबल ने अपनी चतुराई से बादशाह अकबर को भी अपनी बेगम से डरवा दिया और उपहार के रूप में दो मुर्गे भी ले लिए। बीरबल सा चतुर और कोई नहीं।

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