अपनी संतान से कैसा व्यवहार उचित है ? Children Parenting Tips

Sending
User Review
0 (0 votes)

Children Parenting Tips in Hindi

children parenting tips in hindi

अपनी संतान से कैसा व्यवहार उचित है ?

जैसा बीज आप बोओेगे Time आने पर वैसा ही फल पाओगे। आज की Busy life में अपने children’s के लिए भी Parents के पास समय नहीं है। अपने children’s को संस्कारवान ‘cultured’ बनाने के लिए भी निम्न बातों का ध्यान रखें-

  • Indian Culture में बच्चों के सुंदर, सार्थक और प्यारे नाम रखने की प्रथा है। जैसे- देवांष, श्रुति, शिवादित्य, राघव आदि। इस प्रथा को नहीं बिगाडें।
  • बच्चों में ऐसी habits डालें कि वे रोते हुए न उठें। बच्चों में भय ‘fear’ व लोभ पैदा करके अनुशासन बनाने का प्रयास मत करों।
  • बच्चों के सामने गाली जैसे अपशब्द, अश्लील चुटकुले व गंदे मजाक न करें।
  • 101 Motivational Stories in Hindi
  • 100 Great Moral Stories in Hindi

  • यदि आप चाहते हैं कि संतान आपका सम्मान करे तो अपना जीवन व्यसन मुक्त बनायें, विषय य वासना को नियंत्रण में रखें और ज्यादा बोलना बार-बार खाना जैसी आदतों से बचें। ध्यान रखे व्यसनी, विकारी, बातुनी व रसलोलूप पिता तिरस्कार का ही पात्र बनता है।
  • बच्चों को तू ‘न‘ कहकर ‘तुम‘ कहे आप कहना तो और भी अच्छा है। जिससे बच्चे सभ्य भाषा बोलें।
  • रोजाना कम से कम आधा घंटे का समय बच्चों को अलग से दें। उनकी बातें ध्यान से सुनें।

  • बच्चों के सामने किसी भी अन्य धर्म की निन्दा व उसकी मजाक न करें।
  • बच्चो को अच्छी पुस्तक पढने की आदत डालें।
  • बच्चों की अंग्रजी शिक्षा के जमाने में बच्चों को आपकी मातृभाषा बोलना व लिखना व पढना जरूर सिखायें।
  • बच्चों को ठीक समय पर भोजन दें, सही समय पर ही कार्य करने की आदत डालें।
  • बच्चों को डरावनी कहानीयां नहीं सुनायें, न उनमे भय पैदा करें। न उनको नीचा दिखलायें। न उन्हें अपमानित करें, गलती होने पर भूल हो गई, माफ करों बोलने की आदत डालें।

  • बच्चों को आप देते हैं साधन और सुविधा कोई बात नहीं लेकिन अगर आप उन्हें सुखदाता बनाना चाहते हैं, संस्कार संपन्न बनाने चाहते हैं तो उन्हे समय दे। अपने धर्म और संस्कृति का ज्ञान दें और भरपूर आत्मीयता दें।
  • जो काम आप अपने बुजुर्गों के सामने नहीं करते वह कार्य अपनी संतान के सामने भी न करें।
  • एक बात हमेशा याद रखें जो अपेक्षा आप अपनी संतान से रखते हैं वैसी ही अपेक्षा आपके अभिभावक आपसे रखते है।
  • संतान से जिस प्रकार के व्यवहार की अपेक्षा आप नहीं करते वैसा व्यवहार देवगुरु धर्म के तुल्य अपने माता-पिता से कदापि न करें ।

उम्मीद है दिए गयी बातें आपको पसंद आये हो Comments के माध्यम से हमें बताएं

Leave a Reply