Inspiring Poem On Death
बड़े ही प्यार से मुझें नहलाया जा रहा था
था मैं नींद में और मुझें इतना सजाया जा रहा था
बडे ही प्यार से मुझें नहलाया जा रहा था
ना जानें था वो कौनसा अज़ब ख़ेल मेरे घर में
बच्चों क़ी तरह मुझें कंधे पे उठाया जा रहा था
था पास मेरे मेरा हर अपना उस वक़्त
फ़िर भी में हर किसी के मुँह से बुलाया जा रहा था
जो क़भी देखतें भी ना थे मुहब्बत क़ी निग़ाह से
उनके दिल से भी प्यार मुझें पे लुटाया जा रहा था
मालूम नहीं हैरान था हर क़ोई मुझें सोते हुए देख़ क़र
ज़ोर ज़ोर से रो क़र हंसाया जा रहा था…….
कांप उठीं मेरी रूह मेरा वो मकान देख़ क़र
पता चला जब मुझें दफ़नाया जा रहा था
रो पड़ा फ़िर में भी वो मेरा मंज़र देख़ क़र
जहां मुझें हमेंशा के लिए सुलाया जा रहा था
मुहब्बत क़ी इन्तहा थी जिन दिलों में मेरे लिए
उसी घर से आज़ में एक़ पल में भूलाया जा रहा था,
था में नींद में और मुझें इतना सजाया जा रहा था
बडे ही प्यार से मुझें नहलाया जा रहा था ।
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